हिंदी निरुक्त | Hindi Nirukt Ac 6224

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१४ अ १ चाऽ ? $ २। (२ खचमर्गं निपात ) उपसग - निपाताः” यह उपसम ओर निपातं दोनोंका समास निर्देश है, इनका पथक्‌ पक समासमं संयोजन इस श्रयोजन से किया गया हे किये दोनों नाम ओर आख्यातके अथ विशेषके योतन ( प्रकाशन ) रूप समान काय्य को करते हैं | शक शकके पूर्वापरका निणय । ( १ नाम ) पहड़िदे निश्चित चुका है कि चारोंम दो नाम और साख्यात प्रधान हैं, इसच्ट्यि ये दो सबमें पहिले कहे गये, किन्तु इनमें भी नाम पदके प्रथम प्रयोगका कारण अल्पस्वरता ৯ | जिस शब्द में स्वर कम होते हैं, तह पद इन्द्रसमासमें पू रहता है। यह ब्याफरण का नियम है । (५ आख्यान ) आख्यात' पद धनाम! पंदके अनन्तर इस कारण किया गया कि वह नामके कारक रूप अर्थ मं रहने बारी फकियाकों कहता है । ( ३ उपलग ) आकयातका खहयोंगी होने से उपसग का पाठ आखल्यायके अलन्तर फिया गया है । (४ लिधात ) परिशेषसे निपातका पाठ या प्रयोग सबसे पीछे हुआ । इन युक्तियोंके बल पर यास्क मुनिने इन सबको |




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