मानविकी पारिभाषिक कोश | Encyclopaedia Of Humanities
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
190
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)/भ111119110719॥ १
ऐ'निभिज्म का एक रूप है |
4700317512689585 [ই'নিছিতিহলিত্ন]:
विनाद्यवाद, उच्छेदवाद |
इंग्लैंड के एक विचारक एडवर्ड ह्वाइट
ने इस सिद्धान्त का प्रतिपादन किय्रा कि
कुटिल और पापी छोगों का मृत्यु के साथ
सम्पूर्ण विनाश हो जाता है, लेकिन सदा-
चारी व्यक्षितयों का नहीं होता ।
धर्मघास्त्र और नीतिश्ञास्त्र के साथ-
साथ दर्शन की भी झलक इस सिद्धान्त प्रें
है, क्योंकि एडवर्ड ह्वाइट ने कुछ दार्श-
निक प्रन्नों को भी उठाया है। लेकिन
दर्शन के इतिहास में इस सिद्धान्त का
कोई महत्त्व नहीं है ।
40९४० 8६६९४ [ऐनोइटिक स्टेट्स] :
बोधहीन स्थितियाँ ।
मन की वे दक्ाएँ और स्थितियाँ, जो
बोध के पूर्व घटती हैं। नितान्त वर्थदीन
संवेदनाएँ इसी श्रेणी में आती हैं ।
41961825555 [सास्दाउन्ग |: अपरोक्षा-
नुभूति ।
काण्ट की ज्ञान-मीमांसा में, आन्शाउन्ग!
उन प्रत्यक्षों को कहते हैं जो बुद्धि को,
देश-काल के माध्यम से, अपनी सामग्री
प्रदाव करते हूँ । ये प्रत्यक्ष, अपरोक्ष और
तात्कालिक होते हैं। 'क्रिटिक बॉफ़ प्योर
रीज़न! के प्रथम खण्ड मे काण्ट ने
सपरोक्ानुभूतियों का विष्टेपण किया है ।
इस जर्मन शब्द का अंग्रेज़ी प्रतिरूप
'इन्ट्यूबन! है। केअर्ड के अनुसार “আল্যা
उना' और “इस्ट्यूबन' में सूक्ष्म अन्तर
हैं, छेकिन किसी दूसरे उपयुक्त शब्द के
अभाव से इन्ट्यूशन शब्द को ही काम में
छाना पड़ता है ॥
এি9৩]1য002াহ ঠ৮2009৮ [ऐन्सेल्मि-
यन आार्गयमेण्ट | : ऐन्सेल्मीय युक््ति, ऐन्सेल्म
का तक॑ |
सन्त ऐन्सेल्म द्वारा ईदवर के अस्तित्व को
प्रमाणित करने के लिए प्रस्तुत किया गया
तक । यह तक इस प्रकार है: मेरे मन में
एक एसी सत्ता का विचार है जिससे
अधिक पूर्ण और उत्तम सत्ता की कल्पना
& 41170 [00189
नहीं की जा सकती । जो विचार केवल
मन में है, उसकी अपेक्षा वह विचार
अधिक महान् है जिसके अनुरूप वास्तविक
अस्तित्व हो; इसलिए मेरी महानतम धारणा
के अनुरूप एक महानतम सत्ता घवदय दै ।
दूसरे शब्दों में, ईद्वर का प्रत्यय एक
पूर्ण और असीम सत्ता का है, और वह
यथार्थ है ।
4० 88 [सान सिख | : स्वलक्षण ।
इस जर्मन पद का दाब्दिक अर्थ है, लपने
आपमें' या अपने ही द्वारा! । काण्ठ के
दर्शन में, आन सिख का संकेत ऐसी सत्ता
की ओर है, जो चेतना से स्वतन्त्र हो और
किसी प्रकार के सम्बन्ध से सीमित न
हुई हो | हेंगेल के दर्शन में, आन सिख
का अर्थ है : सत्ता की ऐसी अवस्था जब
वह अव्यक्त और अविकसित हो ।'
^ २५८८९८४६ [एंटिसीडंट] : पूर्वाग ।
सोपाधिक तकंवाक्य का वहु भाग जिसमें
ऐसी शर्त का उल्लेख होता है जिसके पूरे
होने पर उत्तरांग निर्भर करता हे।
उदाहरणार्थ : “यदि पानी बरसा, तो
फ़सल अच्छी होगी य्ह यदि पानी
वरसा' पूर्वाग ই ।
देचिये--(015व्व था.
#प्र17००9००९००८०८४० [ऐन्ट्रॉपोसेन्ट्रिक] :
मानव-केन्द्रित ।
यदि किसी तथ्य या घटना की व्याख्या
मनुष्य के गुणों या उसके अनुभव के
माध्यम से की जाए तो ऐसी व्याख्या
मानव-केन्द्रित कहलाएगी । उदाहरणार्थ,
यदि किसी प्राकृतिक सत्ता को बुद्धि या
प्रेम का परिणाम वतायाजाए तो यह्
व्याख्या मानव-केच्ित होगी |
40620075015 [ ইন্থ্োঘিজিলী 1]:
मानव-पूजा, मानवाराधना ।
मनुप्य को देवता मानकर, या देवता को
मनुष्य के रूप में पूजना या उसकी आरा-
घना करना | प्राचीन सभ्यताओं में विशिष्ट
मनुष्यों पर देवी स्वरूप आरोपित करने
की प्रथा बार-बार प्रचलित हुईं। राजा
के 'दैवी अधिकार का सिद्धान्त इसी प्रदृत्ति
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