अनेकान्त [वर्ष ६०] [ किरण ०४] | Anekant [ Year 60] [Kiran 04]

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Anekant [ Year 60] [Kiran 04] by जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर' - Jugal Kishor Mukhtar 'Yugveer'

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अनेकान्त 6044 13 (1) मूलाचार, गाथा 2-3 (2) “उत्तरगुणानां कारणत्वान्मूलगुणव्यपदेशो व्रतेषु वर्तते ।' भगवती आराधना, विजयोदया टीका (3) मूलाचार, गाथा 4-9 (4) “सम्यगिति: समितिरिति ^ -तत्त्वार्थवार्तिक 9८2 (5) श्राणिपीडायरिहारार्थ सम्यगदनं सयितिः।' सवर्थिसिद्धि ५/2 ~~ ) (6) मूलाचार, गाथा 4 9 (7) वही, गाधा 16 15 (8) मनुस्मृति, दितीय अध्याय 88 (9) मूलाचार, गाथा 881 (10) वही, गाथा 882 (11) वही, गाथा 515 (12) णियमसार, 141 (13) मूलाचार, गाथा 22, 516 (14) वही, गाथा 283. 28 (15) वही, गाथा 29. 55 (16) वही, गाधा 36 (17) सर्वार्थसिद्धि, 2८50 18) मूलाचार्‌, गाथा 478 481 19) गाधा 485, 490 20) 21) 22) २९) वही, गाथा 799 800 २4) भगवती आराधना, 148 ) ) ) ( ( ( गाधा 491 ( ( ( ( (25) मूलाचार, गाधा 806 ( ( ( ( ( ( वही मूलाचार की 493 की आचारवृत्ति टीका मूलाचार, गाथा 489 26) वही, गाथा 04 306 27) वही, गाथा 147, 149 154 २8) पुरुषार्थसिद्ध्युपाय, 44 २9) दिशाबोध, अक्टूबर 07, पृ. 6 30) वही, पृष्ठ 7 8, ) वही, पृष्ठ 22 23 डॉ. जयक॒मार जैन




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