जीवन की पाँखें | Jivan Ki Pankhen
श्रेणी : दार्शनिक / Philosophical, धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
326
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जीवन की पाँखें !
भारतवपष को संस्कृति, सभ्यता, चिन्तन और मनन के निरन्तर
गतिशील तथा आलन्दुप्रद् प्रवाह में निद्चित दृशेन की आत्मा
उसके चिन्तको के आचार और विचार पर आधारित है।
चिन्तन ओर मनन के सहारे भारतीय विचारक अपने अन्तर्जगत्
में बहुत गहराई तक पेठा है. और उसने यह् खोज निकाला है
कि दस विराट् रृष्टि में उसका अस्तित्व क्यों ओर किस रूप में
है । उसका जीवन किस केन्द्र पर ठिका हैं ओर दूसरों का किस
केन्द्र पर। उसका जीवन किस रूप में चल रहा है ओर विश्व
की अन्य सृष्ठि का किस रूप में ! और दर्शन की भाषा में इस
प्रकार आत्म-निरीक्षण करने अथवा अपनी और विश्व की
आत्मा फो देखने को ही विचार करना कहा गया है । और
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