जन - जन की दृष्टि में अणुव्रत आन्दोलन | Jan - Jan Ki Drishti Men Anuvrat Aandolan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
322
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आज दुनिया को नैतिक उत्थान की जितनी आवश्यकता है, उतनी पहले
कभी नही श्री । कोई राष्ट्र तब तक प्रगति नही कर सकता अथवा अपने
को बलवान नही कर सकता, जब तक उसके लोग उच्च आद्शों का
अनुकरण नही करते और सद्गुणी नही होते। जीवन के प्रति भौतिक
दृष्टिकोण ने लोगी को स्वार्थी बना दिया है और भ्रष्टाचार एवं भ्रष्ट
व्यवहारो, जैसे कि रिश्वतखोरी और मिलाबट ने भारतीय जीवन को
तबाह कर दिया है, आज हम मानव भविष्य के चौराहे पर खडे है, ऐसी
स्थिति मे जबकि हमारे पास युगों पुरानी परम्पराओं और सांस्कृतिक
मूल्यों की विरासत में मिली हुई निधि विद्यमान है तब समस्त अंधकार
को दूर करने के लिए केवल एक मशाल की आवश्यकता है अणृत्रत
आन्दोलन वह मशाल है।
--बौ० वौ° गिरि
जन-जन की दृष्टि में : अणु्रत आन्दोलन ও
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