थॉमस पेन के राजनैतिक निबंध | Thoms Pen Ke Rajnaitik Nibandh

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Thoms Pen Ke Rajnaitik Nibandh by नेल्सन एफ. एडकिन्स - Nelsan F. Adkins

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about नेल्सन एफ. एडकिन्स - Nelsan F. Adkins

Add Infomation About. Nelsan F. Adkins

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१६ হাজা रहा जाता है |: अमेरिका ने वाशिंगटन को सर्व-सम्मति से अपना प्रसीडेब्ट चुना । अमेरिका का यह कार्य हालैण्ड अथवा जर्मनी से किसी व्यक्तित की। बुला कर उसे राजा बनाने के कार्य से कितना भिन्न है। इस प्रकार प्रतिनिधि प्रनातन्व (1২919591709 [)010009012,0% ) की स्थापना पर विचार करते समय पेन ने अपने निओ निरीक्षणों और अनुभवों का अत्यधिक सहारा लिया: है। पेन की मान्यता है कि राजतन्त्र के निर्वाह में जो धन व्यय होना रहा है उसका उपयोग निर्धनो को आर्थिक सहायता प्रदान करने में हो सकता हैः । उमने एकर स्थल पर अपने मानव्रतावादी दृष्ट्किणसे लिखा है कि प्रतिष्ठा की. मर्वाधिकर सजग चेनना.के साय सावंजनिफ धनको दूना चाहिए । न केवल धनियों ने, अपितु निधनोंने अप्रने कठोर परिश्रम के बल पर इसका उद्यादन! किया है। अभाव और दुःख को कहुता का भी इस सार्वजनिक क के उत्पादन में योग होता. है। गलियों में या सड़कों पर घुमने वाला अथवा मिंटनेवाला ऐसा एक भी भिक्षक तहीं है, जिसका अंश उस राशि में नहीं है । निर्धनों को. आथिक सहायता देने और उनको अपेक्षाकृत अधिक सुखी अनाने के उद्देश्य से पेस ने! कई विशिष्ट प्रस्ताव भी प्रस्तुत কিউ &। । !मनुष्यः के अधिकार! के दोनों भागों का अधिक प्रवार हुआ । उन्हें इंग्लेंड कौ स्वतन्त्रता को ब्रात के उह्यसे स्थापित संस्थाओं में विशेष प्रस्िद्धि मिली । किन्तु कुछ अव्यवस्यित लोगों, अनुमानत्त: सरकार द्वारा उत्तेजित व्यक्तियों, ने टॉम पेन! की प्रतिमाजलायी और उसके विरुद्ध अन्य प्रदर्शन किये न्न सन्‌ १७६२० मेंपेन पर सरकार द्वारा राजविद्रोह का प्रविधिक अभियोग लगाया गया ओर मुकदमे की सुनवाई के लिए एक वियि निश्चित की गयी । कहा जाता है कि अग्रजः क्रवि'विलिपमं ब्लेक ( ४४७॥॥॥४४ 51716 ) ने उसे बता दिया था कि दीप्र' ही. उसे गिरफ्तार किया जायगा। पेन तुरत फ्रांस भाग गरता और वहाँ से अपने अभियोंगे के विरुद्ध तीथ्ण भत्सनापूर्ण लेख लिखने लगा। यदि “मनुष्य के अधिकार में राजविद्राह के बीज थे तो इस लेख में प्रत्यक्ष राजविद्रोह था। । इसी. लेख में पैन ने.इस आशय का भी एक सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण प्रध्ताव क्रियांहै / कि; -एक राष्ट्रीय परिषद (9010021 ০০905501020 ) গুলার जय जो, उचित रूप्प, राष्ट्र के प्रजेह भाग के मत और. बुद्धि को एकत्र कर. सकेगी :।.




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now