रसतंत्रसार व् सिद्धप्रयोग संग्रह [खण्ड - 2] | Ras Tantra Saar aur Siddha Prayog Sangrah [Khand 2]

Ras Tantra Saar aur Siddha Prayog Sangrah [Khand 2] by अज्ञात - Unknown

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
नाम औषधि पृष्ठांक राजयदमाक रिमत्तकेसरी २०१ राजवत्ल्भ रस ११३ रुस्मीश रस २४ रोगनिरोघकमलहम २६ रोचकगुटिका १३६ रोहितकक्नोह ३१७ रौप्यमरम श्‌ः लघुशतपुष्पादिष्चूण ध्श लवणुद्रावक १४७४ लवण रसायन नमक सुलेमानी 9३३ लवणादययचूण २७४ सबंगद्रावक ११७ लचमणालोह ४४० लाजमयड २२३ लालमलहम ३४० | लोकेश्वर सुवणं ्ोकनाथ रस २०७ | लोहभरम लोहसिन्दूर १३६ | लोहादिमोदक १२० | लोहासव १६४ | चेंगभरम ९ चेंगयोग ३७०५ | चंगादिचूणं ७६ | चंगा्रकृसरस २२ | चचादिचूयुं २७७ चचाहरिद्रादिकषाय ४६० गुर्युलु २६८ | वृष वडवानल क्षार २१ दमनान्तकयोग | चससेश्वर रख २४ चसन्त सुन्दर रख ४५४ ६ नाम रस चाजीकरण गुटिका वातगजेन्द्र लिंड रस वातपन्नग चटी चातरछ्ान्तक रस चातशुज्ञान्तक सदन चातशुलान्तक समलहम वातशून्ञान्तक योग वातहर गूगस वातान्तक बाम चातान्तक मिश्रण चासकासव चिजयावटी विडज्ञतरडुल रसायन विडज्लारिष्ट विर्टरग्रीन सेन विदायोदि चूर्ण विपादिकाइर मलहस चविमर्दितनीलघावन | विसर्दित सोरालवण द्रावक | विलासिनी वदलभ रख. | विश्वतापदरण रख नूतन उचर | विश्वविलास तैल विलाशादि चूणुं | विलाशादि ज्ञार विपष्वच सिश्रण विषतिन्‍्दुक तैल | विपसज्वरान्तक लोह विषपूंहरतैल विसूचिकान्तक रस चीरचरडेश्वर रख ही व नम पुछाक हद ४ ४8३. रद्द १३९ २६८. २७३ रद्द २४७ २४४ रद्द १२४ ने ने ९१ देदे ४ रेद्ने्‌ ४८९० 8८. २8६४ ने ४्द््प १६.४ १६४ ८ न७९ मै ७ ४६९ ४०३ १३९६ ३७४




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now