शुद्धि सनातन है | Shuddhi Sanatan Hai
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
148
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शुद्धि सनातन दे १३
क्रिश्ियानी फे कलमे की विचित्र कथा टे । रवर डी नोचुली
नापर फे पक प्रे छिम्पेपन मे मद्रास में धर्म प्रचार करने के
धिचार से संस्कृत चिद्या का अभ्यास क्रिया और एक पुस्तक
संस्द्तत में लिखी जिसका भाम यछुवेद रखा। चू कि छेगे का
चेद परर वषा विश्वास था, इसलिये लब ले।ण उससे उपदेश को
वेद के नाप्र से खुनने छगे ओर उसके अनुयायी होने छगे। जब
पाय+ र००--६०० आदमी उसके उपदेश के माननेवाले द्वो गये.
तो उसने दिन्दुओं' में यह प्ररट कर दिया कि ये छोग ईलाई हो
गये हैं। बस क्या था उन्त वेबारों ने कितना दी कद्दा कि दम
लोगो को चेद के नाम से उपदेश दिया गया है, इप छोग ईसाई
नी दये दै, परन्तु दिन्दू समाज ने व माता और उन्हें ज्ञाति से
अछग कर दिया जिसका नद्दीज्ञा आज জাঁত के सामने दिखाई
द्वेस्दाहै। मद्रास में सवले अधिक ईसाइयत फेड़ी हुई है।
दिन्दुभो' की इस फम्जारी से मोपा ने बड़ा लाम उटाया।
जब बह अछतें फो सताते और घ्ुप्तत्ूमान चनाते थे तो ऊँची
जाति के दिन्दू कुछ न बोलते थे परन्तु अब उन्हें मुसलमान बना:
তিতা রন শী জল मिलकर इन निकम्मे प्राहसें की भी खवर
लेने छगे । भोपला-विद्वोद में वहां फे अनेक ऋद्षण मुसलमान
घना लिये गये | यदि ये लेाग श्यालके शरण में जाते तो कया
एक भी ईसाई या छुसछमान पर्दा बनने ছাতা ? ये शास्त्र व्पय--
साथा ठाम दहाशसो देते हैं परन्तु चदूसुकूछ फरते नहीं' | यद्दो
भारो पेव इनमें है । '
चौदददी' शताब्दी के अन्द में जब हि घुसलमानी लब्तनत
अती तक न जम गई थी, सिकनद्र शाह नामक एक आदमो
काशमीर में राज! के यहाँ नौकर हुआ | उन्ही म से शाह मीर,
जो सिकन्दर का सूरिश था उस हिन्दू राज़ाकों मार कर राजा
User Reviews
No Reviews | Add Yours...