मौक्तिक मॉल | Mauktik Maal

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Mauktik Maal by कुमारी दिनेशनन्दनी चोरड्या - Kumari Dineshnandani Chordya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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५ भूरे पथिक; पियाके घरकी गौर पूछते हो £ मनोडृत्तियोके घने कंटकाकीर्णं जङ्गख्मै परक पैक कर पाँच रखते हुए अपनेको प्रलोभनोंके नर-रक्त-छोलुप हिंसक पशुओंसे बचाना; प्रेमकी डोंगीपर बैठ सात समंदर पार मरकत द्वीपमें पहुँचना जहाँ अनिंद सुन्दरी रानी मायावती राज्य करती है । तुम उस फरफन्दीके कपठ-जारूमें न फँँसना, नहीं तो वह छलिया तुम्हें अपनी बरुखाई जुल्फोंमें मैणकी मकक्‍्खी बनाकर कालन्तरतकर कैद कर देगी; शीछूकी ढारू पहन, सूरमा, सत्यके खड़से उसके जादूके किछेको ढाहकर दूर, और दूर, चरे जाना; मार्गमें अविधाकी घोर तिमिराष्छादित दुर्गम घाटी पंड़ेगी जिसमें विषय-विपधरोंका वास है, किन्तु हृदयमें अभय धारण कर ब्लानका दीपक जछा उसे पार करना; फिर, दारुण बिरद वेदनाका अंगार-बिछा ऊबड़-खाबड गगन- चुम्बी पदाड़ विशासके बरूपर छौधना | पाँच




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