पत्रकारिता : संकट और संत्रास | Patrakarita : Sankat Or Santras
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
326
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रकाशक की प्रससनता
पत्रकारिता के संकट और संत्रास' विपय पर, सम्पूर्ण परिस्थितियों को
भोग कर, पूर्ण आादर्शप्रियता, पंत्रकारोचित भावप्रवणना, विश्लेषणशीजता
तथा ताकिकता के साथ लिखी गयी एक पुस्तक्र, जो अपने विपय पर अपने
ढंग की पहली मात्री जायगी, प्रकाशित करने का श्रेय जिम्दूँ प्राप्त हो रहा हो
उनकी प्रसन्नता का अनुमान कोट भी लगा पकता ह ।
जिस पुस्तक का प्रत्येक अंश अनेक संकेत करता हो, अनेक सन्देश देता
हों और इसलिए परम सार्थक हो, उसके प्रकाशन का श्रेश्न लेते हुए, कुछ और
न कह कर, प्रकाशक इतना ही कहु देना वहत समै दकि प्रकरी त्ता
सभाचारपनत्र-पाठकों के समक्ष यह पुस्तक रख कर वे अपने को धन्य समझते
हैं, क्योंकि इस पुस्तक के प्रकाशन से हिन्दों और हिन्दी-यवकारिता की ही
नहीं, देश की सम्पूर्ण पत्रकारिता की सेवा में योगदान करने का एक अश्रमार
उन्हें भी मिल रहा है ।
आशा और विश्वास है कि आदरणीय लेखक के आशीर्वाद के साथ ही
समस्त पवकारिता-जयत् का आशीर्वाद प्रकाशकों को प्राप्त शेगा !
| “भअनावि সন্ধাহান
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