रानडे का दर्शन | Ranadey Ka Darshan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
52 MB
कुल पष्ठ :
247
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ७ )
का उच्च ज्ञान प्राप्त करू । किन्तु मुझे वकील, राजनैतिक आदि होना था | अतः उनकी
सलाह का पालन न कर सका। तब से वर्षों गुजर गए। यह मेरे जीवन का बहत बड़ा
खेद रहा है कि में उनसे इलाहाबाद में या मैसूर राज्य में स्थित नए आश्रम
( निम्बल ) में न मिल सका। किन्तु जो' लोग उनसे देन॑दिन सम्पर्क रखते थे उनसे में
उनके बारे मँ समाचार प्राप्त करता रहा । उसमानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद में
कुछ प्रवचन देने के जिए गत वषं मैने उनसे अभ्यर्थना कीथी। इस वषं मँ उनसे
मिलकर अपना आदर-भसाव व्यक्त करना चाहता था। किन्तु देव ने मुभे उनके सौतिक
शरीर का दशन करने का अवसर नहीं दिया। उनके प्रकाण्ड पांडित्य, और उससे भी
अधिक उनके सन्त जीवन तथा स्वतः सम्पक मेँ आने वालों से लभ्यमान प्रबोधन के
प्रति भूयिष्ठ सम्मान और प्रशंसा व्यक्त करते हुए में अपने गुरुदेव की स्ति से
अभिनन्दित हूँ। उनकी पावन स्मृति मेँ च्रपना सत्कार व्यक्त कर मुझे आत्म-सन्तोप
मिलता हे ।
ओश्म शान्ति: ।
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