सामवेद - शतकम | Samaved-shatakam

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Samaved-shatakam by स्वामी अच्युतानन्द सरस्वती - Swami Achyutanand Sarswati

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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| “९९६. ব্যস পক শিস € । । ৰ ! सामवेद-आतकम्‌ | ९ १ ३१२ শু ¢ | आ याहि बीतये, गृणानो हृव्यदातये। ९ पे ! नि होता सत्सि बहिपि॥१॥ १०१।११।९॥ ! शब्दार्थ--(अग्ने) हे खप्नकाश स्वेव्यापक $ 1 सब के नेता परमपूज्य परमात्मन्‌! (वर्हिषि) ¢ 0 आप हसारे ज्ञानयज्ञरप ध्यान में (आयादि ) | ¢ प्राप्त होओ । (गृणानः) आप स्तुति श्रिये हुए $ 6 हे । (होता) आप ही दाता है (वीतये) हमारे ¢ ¢ 0 © প্র ¢ हृदय में प्रकाश करने के लिये तथा ( ईव्य: * सामवेद के मन्त्र के पते द्रण्डने के सकेतों स्यि अन्य की भूमिका देखें | (सम्पादक) “७८७९७ द <+ 8 “হিল বেত পা




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