न्यूबाला | Newbala
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
441 KB
कुल पष्ठ :
40
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)न्यूबाला
( १६ )
ऐसा उसको ! लगा शौक,
जो कमी नदीं दने वाल्ला ।
सहपाठी मिल गया हाथ,
भट उसकी पाकिट में डाला ॥
छीन लिया जो कुछ भी निकला,
यही मिला 'सह-शिक्षा' में ।
बैठ चांदनी चौक मित्र संग,
चाट उड़ाती न्यूबाला ॥
( २० )
बड़ी लाइली मात पिता की,
जो चाहा ! सो कर डालां।
वोलो तुम ही रहा कोन फिर,
उसके मुँह लगने वाला ॥
इसकी कहते हैं! आजादी,
व्याह न अपना करती है।
कौन १ वंधे-बन्धन में,
फिरती गर्भ गिराती न्यूबाला ॥
[ पन्द्रह- ]
User Reviews
No Reviews | Add Yours...