भारत वर्ष का अर्वाचीन इतिहास | Bharat Varsh Ka Arvachin Itihas 1911

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Bharat Varsh Ka Arvachin Itihas   1911 by गोविन्द सखाराम सरदेसाई - Govind Sakharam Sardesaiजगन्नाथ प्रसाद - Jagannath Prasad

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जगन्नाथ प्रसाद शर्मा - Jagannath Prasad Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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निवेदन कलाकार नाना देश की उन्नति के लिये देश के इतिहास का सान लाभदायक ही नहीं, बिक शावश्यक है । दस देश का प्राचीन तो कया शरवाचोन इतिहाप्त तक केस प्रकार घोर शधकार में पढ़ा हुशा है-यह बताने को शावश्यकता नहीं । भन्य देशी भाषाओं में तो दस 'विपय की कुछ पुस्तक देखने में भी शाती हैं, परन्तु हिन्दी भाषा में इस विषय की एक भी उत्तम पुस्तक नहीं है। यदि 'स्रदेश फा इतिहास तैयार करना एक सावेन्ननिक लाये है तो स्त्रदेश का इतिहास सावंजनिक मापा में तैयार करना दश्यक सादे- जनिक कार्य हि । इस रँचे झमिप्ाय के सामने रख कर ही सख्ती ने इस पुस्तक का प्रकाशित किया है। यदि इस युरुतक के पठन से प्राठकोां के भ्रपने स्वदेश के इतिहास के ज्ञान में कुछ भी दृद्धि होगी तो सख्ती झपना परिश्रम सफल समझेगो। इधर कुछ दिनों से हिन्दी भाषा के पाठकों का ध्यान इतिद्ासिक युरतकों को शोर श्रधिक झुका हुआा दिखलाई पड़ता है। इसी भद्धाव के सहारे की शाशा




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