कानून और मन | Kanoon Aur Man
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
171
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about यशवन्तसिंह नाहर - Yashwant Singh Nahar
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)লব
कानून श्रौर मन : 9
क्यों नही टिकेगी । उसको पैसे चाहिए, पुरुष चाहिए । वह मैं उसे दे
रहा हु । मुं प्रौर्त चाहिए । घर पर वनी गरम रोटी-वक्व पर चाय । वह
सब मुझे दे रही है ।। बस वकील साहब आप मेरा मुकदमा खारिज करवालें ।
साली को तलाक देने मे ईतना फट पड -जितना लडकी ठृढने मे । भाड्
में जाएं उसके गवाह और वह-बस मैं श्रब अपनी नयी औरत से खुश हूं। हां
इस कारण नौकरी तो नहीं जायेगी । मैंने कहा कभी नही-वह प्रसन्न होकर
पला गया ।
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