गुंजन | Gunjan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
107
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(क
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फ़रवरी,
२
| ५ |
देखूँ सबके उर की डाली---
किसने रे क्या क्या चुने फूल
जग के छबि-उपवन से भरकूल ?
इसमें कलि, किप्तलय, कुछुम, शूल !
किप्त छबि, किस मधु के मधुर भाव ?
किस रँग, रस, रुचि से किसे चाव ?
कवि से रे किप्तका क्या दुराव !
किपने ली पिक की विरह-तान १
किसने मधुकर का मिलन-गान †?
या पुल्-कुघुम,या सुकुल-म्लान {
देखूँ सब के उर की डाली---
सब में कुछ सुख के तरुण-फूल ,
सब में कुछ दुख के करुण-शूल ;---
सुख-दुःख न कोई सका भूल |
१९३२ ] [1
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