रामायण अयोध्याकाण्ड | Ramayan Ayodhyakand
श्रेणी : कानून / Law
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22 MB
कुल पष्ठ :
320
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about गोस्वामी तुलसीदास - Goswami Tulsidas
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)9
०-71-1 1117141. 21 1-11-1 7 1 11 1, 11 1-1-18) -1/ 181 1114-1 11 1-1-11,
अयेध्याकाण्ड रे ५
८ उनकी सब सक्तषियाँ सद्देलियाँ भी प्रसन्न हैं । श्रीरामचन्द्र जी का छप, गुण, शोक
४ जीर स्वभाव देल सुन कर महाराज प्रसन्न द्वोते हैं। ४
१ दो०--सबके उर अभिलाष मस्त, कहहिं मनाई महेश । ए
1 माप अदत युवराज्ञपद्, रामह देहि नरेश ॥ १
सब लोगों की यह इच्छा है और इसके पूर्ण होने के लिये वे महादेव সা ४
ৃ को मना कर कहते हैँ रि महाराज अपने तामने श्रीरामचन्द्र जी छो युवराजपदे £
1 पर अभिषिक्त कर दुं; प
£ पक समय सव सहित समाजा । राजस्तभा रधघुराज् विराज्ञा॥१
¢ सकल सकृत मूरति नरना । राम सुयश सुनि अतिहि उच्छा ॥ £
नृप सब रहदहि छपा अभिलाखे । लोकप रहि प्रीति ख्ख राखे ॥ !
1 त्रिभुवन तीनि काल जग मादहीं। भूरि भाम्य दशरथ सम नादी ॥
१ मङ्कलमूल रामसुत जु । जो कु कुहिय थोर सव तासु ॥ !
५ राव खभाव बुङ्कुर कर लीन्हा । बदनु विरेाकिमुङ्करल्तमकीन्हा ॥ ¦
4 श्रवण समीप मये सित केशा । मनहू जटठरपन अस उपदेशा ॥ |!
४ नृप युवराज राम कहं देह | जीवन जन्म लाभ किन लेह ॥ ৃ
টু पुक दिन भद्वाराज दशरथ सब द्रबारियों के साथ राजसभा में बैठे थे।
और सब्र उत्तम कर्मी कीम् मदाराज दशरथ, श्रीरामजोके सुयश के बडे
॥ उत्साह के लाथ सुन रहे थे | जिल महाराज दशरथ डी क्रपाके सव राजा अनिर [
ः छाषी हैं और भिनको प्रीति के लिये छेोकपाल भी उनके मुंह की ओर निहार!
{ करते हैं, उन महाराज दशरथ के समान भाग्यवान् तीनों छोकों में और तीनों '
$ काछों में कोई नहीं हुआ ; क्योंकि मङ्गलो के मूर श्रीराम जो जिसके पुत्र हैं-इसके |
2! सम्बन्ध में जो कुछ कद्दा जाय-थोड़ा है | महाराज दशरथ ने साधारण रोति पे !
॥ दपेण द्वाथ में ले अपने मकुट के ठोक किया | उस समय उनकी दशि केनपुरी के |
४ सफ़ेद बालों की ओर गयी. जे। मानों उन्हें उपदेश श्र रहै थे रि हे राजन् ! भव |
॥ बुढ़ापा आ गया--आप श्रीराम जी के युवराज पद दे, अपना जीवन सफ़छ
॥ कर ले | |
छ},
৫27
৫০
০৯
कं जाओ प्ाछ पु छ प क... 5555 55555 মত আর 5 জজ জি 5 পিউ सवा = 5.5 सि.
User Reviews
No Reviews | Add Yours...