विचारधारा | Vichar Dhara

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Vichar Dhara by डॉ अमरनाथ झा - Dr. Amarnath Jha

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about डॉ अमरनाथ झा - Dr. Amarnath Jha

Add Infomation AboutDr. Amarnath Jha

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
भारतीय साहित्य के सो वर्ष ११ “बारह वर्ष हुए आलिवर गोगर्टी अपने वैरियों द्वारा पकड़ लिया गया श्रौर लिफी के तट पर एक निजेन घर में बंदी किया गया, जहाँ कि मृत्यु की पूणे संभावना थी । एक स्वाभाविके आवश्यकता का कारण ले कर वह बाग में गया और पानी में कूद पड़ा और जिस समय कि वह तमंचों की गोलियों की बौछार में दिसंबर के बफ़ै-जेसे ठंडे जल को तैर कर पार कर रहा था, उस ने मानता की कि यदि में सकृशल नदी पार कर लूँगा तो उसे दो हंस चढ़ाऊंगा । जिस समय उस ने अपने वचन की पूर्ति की में उपस्थित था । उस की कविता इस घटना पर ठीक बैठती है, श्र्थात्‌ वह प्रसन्न, निस्संग और वीर-संगीत है” यहाँ पर जीवन की एक महान्‌ घटना काव्य-रूप में परिणत हो गई है, कविता सप्राण हो उठी है। जब कि कवि अपने को इस भाँति अपने देश से अभिन्न बना लेता है, और उच्च आत्म-निवेदन करता है तब कविता भी तेजमयी हो उठती है। इस प्रकार की कविता के कुछ उदाहरण हसरत मोहानी, नज़रुल इस्लाम, चकबस्त और नवीन ने प्रस्तुत किए हैं। श्राख्यायिकाएं लिखने में, नए से नए अंग्रेज़ी पद्य-प्रयोगों की शैली में गीतों की रचना में, समसामयिक सामाजिक परिस्थितियों को विषय मान कर नाटब-रचना में हमारे लेखक पीछे नहीं रहे हें। समालोचना के क्षेत्र में भी उन्हों ने पाश्चात्य से स्वतंत्रता-पूवैक विचार ग्रहण किए हे--साथ ही उन्हों ने इस बात का अनुभव नहीं किया है कि काव्य-समीक्षा तथा सौदये-निरूपण-संबंधी विस्तृत साहित्य संस्कृत में भरा पड़ा है । व्यंग्ग और हास्य-संबंधी पद्म रचना, विशेष रूप से पनपी नहीं है--- यद्यपि इस प्रसंग में अकबर का नाम उल्लेखनीय है । विनोदपूर्ण॑ परि- हास, सरस व्यंग्य, व्याजपूर्ण उपहास--इन्हें लिखनें का सफलता पूर्वक प्रयत्न नहीं हुआ है । साहित्यिक आकांक्षियों के लिए इतिहास भी बहुत अच्छा क्षेत्र है। ऐसे जीवनचरित जो साहित्यिक महत्व भी रक्‍खें श्रभी लिखे नहीं गए । एकांकी नाठकों का विशेष-रूप से सृजन नहीं हुआ है ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now