धर्मपाल नाटक | Dharmpal Natak

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Dharmpal Natak by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ने २४ राजा उड़े निते में । जिने घम्मे बढ़ा सब जीवन मे ॥ कैंलि काल पे बच होगे रोग ब्या थि सब दूर रहें । या का ही पर से भरपूर रहे ॥ भारत की है जेनसाधिति मंचार करे । पब भारतवासी श्री बड़ा पार करें ॥




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