बात जवाहर लाल की | Baat Javaahar Laal Kii

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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इसीलिए आजादी के बाद शासन का नया तरीका निकाला गया । लोगों को सरकार बनाने और बदलने का हक दिया गया । 1952 में सारे देश में चुनाव हुआ । लोगों ने ऐसे लोगों को चुना जिन पर उनका भरोसा था । वह उनके प्रतिनिधि थे। उन लोगों ने अपनी राय से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री चुने । चुनाव हर पांच वर्ष के बाद होते हँ । कभी कभी जल्दी भी हो जाते हैं । जो लोग ठीक काम नहीं करते चुनाव में हार जाते हैं । उनकी जगह दूसरे आते हैं | ऐसे लोग प्रतिनिधि बनते हैं जिन पर जनता को अधिक भरोसा हो । इस तरह लोग शासन बनाने में भागीदार बनते हैं । राज लोगों का राज कहलाता है । इसी को जनतंत्र या गणतंत्र कहते हैं । 5 ताकत जनता के हाथ लोकतंत्र में शासन वह करता है जिसको लोग चाहें । पुराने जमाने में शासक लोगों की राय से शासन नहीं करते थे । राजा या शासक भगवान का रूप माने जाते थे । उनको लोग नहीं भगवान शासक बनाता था। ऐसा माना जाता था। जवाहर लाल ऐसा नहीं मानते थे । 15




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