शास्त्रार्थत्रय कानपुर | Shastrarthatray Kanapur
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20 MB
कुल पष्ठ :
268
श्रेणी :
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No Information available about विष्णुदयाल मिश्र - Vishnu Dayal Mishr
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मे भी युधिष्ठिर से परदिने का इतिहास पुराणों से छन्दं मानते हैं। ।
। आप छोग भी इतिहास के लिये पुराणों को ही अब भी लिया करते |
हैं । फिर पुराण की प्रमाणिकता आप को ही स्पष्ट स्वीकृत टै । |
आपने मन्त्रां कुः नीं किया है ओर अब लास्ट श्नं |
( अन्तिम पत्र ) में किया हुआ भी व्यथं होगा । इससे मेरे दिये |
हुये मन्त्र ब्राह्मण से पुराण प्रामाण्य सिद्ध हो गया है। मेंने प्रतिज्ञा |
कोई नहीं छोड़ो हैं इससे आपका लक्षण मुझ पर नहीं घटदता, |
आप समय समय पर ३ निगम्रह स्थानों से निगृद्दोत हो चुके हैं, |
( है» ) गिरिधर शर्मा |
(1
५ आयसमाज ( च्तुधं वार )
গহন |
आपने लिखा है कि सगं प्रतिसगं वाला श्छोक पुराणों का |
| है, इ्ससे आपका क्या 4 मतकब सिद्ध हुआ | हम उस विद्या को |
পাপ শা म ० ~ न
1 9.
+ जी ! अभो आप ने नहीं समका, सब कुछ तो लिख दो
| तो लिखा नहीं, पुगण का दी यह बचन है, ओर पुराण अचल
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