चिकित्सा-चंद्रोदय भाग 2 | Chikitsa Chandroday Vol-2

Chikitsa Chandroday Vol-2 by बाबू हरिदास वैध - Babu Haridas Vaidhya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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नोंट-- ४ ज्वर-रोगीका दिनमें सेानेकी सनाही इसलिए है कि दिनमें सानेसे कफ बढ़ता है श्र उपरमें कफका बढ़ना अच्छा नहीं । हाँ गरमीके सौससमें सेना सना नहीं है । जिनके सदर दिनसें सानेकी श्ादत है उनके दिनमें सोनेकी कभी सनाही नहीं है क्योंकि दिनमें सानेकी झादतवाले भगर दिनमें नहीं साते ते उनके वायु झादि देव कुपित हे। जाते हैं इसलिए बेखटके सोचें । इनके सिवा जो कसरत परिश्रम ख्री-असंग अधिक राह चलने ओर दाथी-घोड़ेकी सवारी करनेसे थक गये हों वे भी दिनमें सो सकते हैं। थका हुआ अतिसार-सोगी शूल-रोगी श्वास-रोगी वमन-रोगी दूषा-रोंगी हिचकी-रोगी वात-रोगी क्षीण कफक्तीण- रोगी बालक बूढ़ा झजीणुं-रोगी रातमें जागनेवाल्ञा शराब नशा करनेवाला और जिसने लंघन या उपवास किये हों--ये सब मनुष्य इच्छानुसार सो सकते हैं । जिसे सागे चलनेसे बुखार -हो उसे भी दिनमें सोनेकी मनाद्दी नहीं है। भावश्रकाश लिखा हेः-- झपष्वश्रान्तेषु वाश्स्यंगं दिवा निद्रांचकारयेत्‌ । जिसे अत्यन्त माग चलनेसे ज्वर हुआ दो उसके बदनमें तेलकी सालिश क्ररावे और दिनमें सुल्लावे । नोट-- ३ नवीन व्वरसें तेलकी सालिश करानेकी सनाही है पर सनाही है क्यों इस बातके जानना भी ज़रूरी है। धसल बात यह है तेलकी मालिशसे पसीने रुकते हैं दूसरे तेल अपने चिकनेपनके कारण का कारक झौर थामवद्धक है इसीसे नये घुख़ारमें तेलकी सालिश कराना मना है किस्तु किसी औषधिके साथ पकानेसे तेलके शुण बदल जाते हैं । रूखी. साथ तैयार किया हु वेल रूखा देवता है सेदनाशक द्रब्योंसि यागसे नग। हुझा तेल मेद्नाशक देवता है पसीने नाशक ह्ब्योंकि साथ बनाया हुआ पसीने नाशक हेतता है धर पुराने ज्वरनाशक द्च्यकि साथ पका हुझा फे+




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