संस्कृत नाटक में अतिप्राकृत तत्त्व | Sanskrit Natak Men Atiprakrit Tattv

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Sanskrit Natak Men Atiprakrit Tattv by मूलचन्द्र पाठक - Moolachandra Pathak

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(ठ) : संस्कृत नाटक मे अतिप्राकृत तत्त्व श्रंत में ग्रथ को सहृदय व सुधी पाठकों के हाथों में सौंपते हुए यही निवेदन है कि इसमें प्रमाद या अज्ञान वश मुझ से जो भी त्रुटियां हुई हों उन्हें वे उदारतापूरवेक क्षमा करेंगे संस्कृत नाटक की श्रवगति एवं रसास्वादन में यदि इंस ग्रन्थ से प्रवुद्ध पाठकों को कुछ भी लाभ होगा तो श्रपने श्रम को सार्थक मानू गा । संस्कृत विभाग उदयपुर विश्वविद्यालय, उदयपुर --मूलचन््र पाठक




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