नयी तालीम [वर्ष १९ ] [अंक १] | Nai Talim [Year 19] [No. 1]

Nai Talim [Year 19] [No. 1] by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कै पीछे एक डावटर होगा । इसी भ्रकार मर्सों तथा पैरामेडिकल कर्मचारियों ( डावटरों के अलावा ) की सस्या जो १६६५-६६ में १ लाख ७० हजाए ४०० थो, योजना के प्रत तक बढ़कर २ लाख ५६ हजार ६०० हो जायेगी । १६६० ६१ में कृषि तथा पशु-चिकित्सा-स्नातकों को सख्या जो क्रमश १४ हजार तथा ५ हजार थी, १६७३-७४ तक वढकर क्रमश ७१ हजार तथा १५ हजार २०० हो जायेगी । ठीसरी याजता की भवधि में डिप्लोमा तथा उपाधि-यपाटयक्र्मो में दोनों स्तरों पर इन्जीतियरी शिक्षा को बड़ो मात्रा में काफ़ो सुविधाएँ दी गयों। १६६२ में चोतो भाकुमण के बावजूद १६,१०० उपाधिधारको तथा ३७ हजार ४०० हिप्लोमाघारकों को तैयार करने का तोसरी योजना का जो भ्रारम्मिक लक्ष्य था वह मेवल पूरा ही नहीं हुमा बल्कि १६६३-६४ तक पहुँचते-पहुँचते इससे ज्यादा उपाधि डिप्लोमाघारक तंयार किये गये॥ यद्यपि १६६७-६८ में इजीनियरी पाठयक्रमों में छात्रों के दाछिले में गिरावट जरूर भागी भौर पूववर्ती নর্থ की भपेज्चा १६६८-६६ में ३० प्रतिशत कम विद्याथियो में ही दाखिला लिया, लेकिन १६६०-६१ में स्नातक इजीनियरों की सख्या जहां ४८ हजार थो वहाँ वह १६६८-६६ में बढकर कुल १ लास ३४ हँजार है। इसो तरह जहाँ १६६०-६१ में ७५ हजार डिप्सोमाघारक ये वहाँ १६६८ ६६ में उनकी कुल सख्या ददकर १ साख &८ हजार हो गयो । थोषी पौर पाँचवी योजनापों की भोसत झावश्यवताएँ पूरे करने के लिए इजोतनियरी में वर्तमान शिक्षा-सुविधाएँ पर्याप्त होगी । शुरू में समस्या केवल उपलब्ध कर्मचारियों को कारगर ढंग से काम में लगाने तथा उनका बेहतर ढग से उपयोग करने को होगी । चैज्ञानिक अनुसघान चौथी थोजवा में वैज्ञानिक तथा झौदोगिक भनुस्तघाद परिपद के लिए ७४ करोड ६ लाख रुपये के भतिरिक्त गैरयोजना व्यय के साथ ५० करोड रुपये निर्षारित किये गये हैं $ ठीसरी योजना में इस संगठन बे लिए २५ करोड़ ३० छात्व रुपये के गैरयोजना व्यय के साथ ३३ करोड रुपये के परिव्यय की व्यवस्था की गयी थी 1 परिषद झनुसथान भौर विकास के लिए ऐसो परियोजनाएँ घुनेगी जितका भौद्योगिक उत्पादन पर काफी तथा स्पष्ट अ्साव पड़े। भनुसघान शालाधों भौर उद्योगों में श्रधिक घनिध् सम्बन्ध स्थापित करन “का भी प्रस्ताव है. ॥ तकनोकी भरगस्त, ७० ] [ १३




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