अमर चूनड़ी | Amar Chunadi

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Book Image : अमर चूनड़ी  - Amar Chunadi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रूपाटीराजां दिनूंगे खाड़ी मे बुहारो काइतां राजां है काना में भणक पड़ी के मुल्क रै उतराद में হায়তী অনন্য है। उपरा हाथ मतैई धमग्या पूषटा री पल्सौ पोदौ सीः तणीयग्यौ अर उणरी ओट में सूं आंस्यां ने कानि मांगणा रानी ताग ग्वा । मेठजी जवरू घन कागद वं টির “” सरव ओपमा विराजमांन अनेक ओपमा सायक भावोसा दुरगजी में लिसी तेजा रो जय श्री 1 धणा मान सूं करने । है पलटण ने मोरचा भाव जावण रो বম পি্তমী है। थाप कोई बात री चिता फिकिरकरगी नी. । वृजी हारा पांव धोक मरन करी भर टाबरां मार्थ हाथ फेर सी! म्टाती कानी सूं ममता रौ मानसी ।**- राजां तटू-तट्ू करने खींपड़ा री बुहारी में सूं तुगियां तोड़ मे दांत कचरण सागी। घ्या उणरी फ़ाटी'ज ईयगी अर सांस जोर-जोर सूं चालण लागी। ”* उत्तराद में झगड़ी चेतग्यौ है अर म्हारी पलटण नै मोरचा माध जावण री हुक्म মিতা है। 2“ भ्रामोफोन रेकं रा साडा भे सई मटकीजगरी হই জু বাহ্যাহ एदन समाचार उर कनां मेँगृ पर रा काम-काज मूं निवड जेदूता ३७७७ में विठायने षाड करण लागी-- म्हा ° रागां




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