मुद्रा और विनिमय के सिद्धान्त | Mudra Aur Vinimay Ke Siddhant
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
32 MB
कुल पष्ठ :
192
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about गिरिराज प्रसाद गुप्त - Giriraj Prasad Gupta
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मुद्रा ऑर विनिमय के सिद्धान्त ~
के पहिचानने में देर होती थी तो किसी को ल्लाने-ले जाने में असुविधा होती थी । अतः
उन सब वस्तुश्रां का प्रयोग कर करके उन्हें छोड़ा जाता रहा । श्रन्त में सोने-चांदी को
इस काम के लिए अधिक उपयुक्त वस्तु समझा गया ओर इसी की सुद्रा बनने ভাবা,
परन्तु अब तो समाज ओर भी आगे बढ़ गया है। खोने-चांदी के स्थान पर अब कागज़
की मुद्रा अर्थात् नोट चत्नने लगे हैं। अब प्रस्येक मनुष्य नोटों में द्वी लेन-देन करना
पसन्द करता द्वे क्योंकि इसमें लाने-ले जाने की व लेने-देने को सुविधा रहती है । सर-
कार भी अब सोने-चांदी को ख़ज़ाने में रखने लगी है ओर उनके बदले मे कागज्न के
नोट चला दिए जाते हैं । इसके दो कारण हैँ। एक तो यह कि इससे सोना-चांदी
नष्ट नहीं होता ओर ख़जाने में सुरक्षित बना रहता है । दूसरे, इस समय संखार में इन
धातुओं की मांग बढ़ने लगी हैं ओर इनको पूर्ति इनकी मांग की अपेक्षा कम है। अतः
লাকা के द्वारा इस सांग को पूरा किया जाता है। सोने-चांदी को तो लोग अब आमूषण
बनाने के काम्र लाते हैं। एक सप्तय था जबकि सोने ओर चांदी के सिक्के चलाना
किसी देश में मोरव की बात साती जाती थी | भारत ने भी पिछली शताब्दी में सोने
के सिक्के चलाने के अहूद प्रयस्त किये थे। परन्तु अब वह समय है जबकि सोने के
सिक्के चलाना असभ्यता का चिन्ह माना जाता है। आज सोने के सिक्के चलाने के
ये अथ निकाले जाते हैं कि जनता का सरकार में और सरकार का जनता में आपसी
विश्वास नहीं हैं । इसलिए ऊपर लिखे सुद्दा-वस्तु के गुणों का श्राज्ञ के युग में कोई
विशेष महृध्व नहीं रह गया हें ।
भरत
1. वस्तु-विनिमय! से आप क्या समझते हैँ ? सप्तका कर लिखिए तथा वस्तु-
विनिमय प्रणाले के दोषों पर भी प्रकाश डालिए ।
२. 'वस्तु-विनिमय! की कठिनाइयों का वर्णन करते हुपु समरूाइये कि वस्तुओं
के लेन-देन में 'मुंद्रा' को आवश्यकता क्यों हुई ?
ই. ভুলা ক के एनिहासिक विकास पर एक टिप्पणी लिखिए ।
४. मुद्दा बनाने के काम में आने वाली वस्तु के आवश्यक गुणों का उल्लेख करते
हुए समफ्काइये कि क्या श्राजकल सुदा बरनेके काम में आनेशवाली वस्तुओं में ये सब
गुण पाये जाते हैं ?
४, आपुनिक काल में वस्तु-विनिमय प्रणाली किर इतनी महत्वपूर्ण क्यों होती
जा रही है ? सकारण उत्तर दीजिए ।
६. मुद्रा का विकास होता रहा है ओर होता रहेगा!ः---इस कथन की सत्यता
पर प्रकाश डालिए ।
कक... গত জু ५ म ५. क 9. ৬৩
3, खोने में सुद्रा-चस्तु के कॉन-कान से गुण पाए जाते हें ? क्या आपको राय में
ভা बनाने के लिए सोना पक आदर्श वस्तु दे ? खतक उत्तर लिखिये।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...