जंबु चरियं | Jambu Chariyam

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Jambu Chariyam  by गुणपाल मुनि - Gunpal Muni

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अंशुयरिय - प्रस्ताचता परकमलसरिसवयणा कमलदरुच्छी य चारुकमलकरा | विमसियकमलनिसण्णा सुयमयदेवी नमेऊणं ॥। आयरिय उबशन्नाए साहुजणं गुरुजणं च नमिङणं । जह वि हु एयं बहुसो अणेयसाहुहिं आगमे सणियं । तहवि य एडवियडत्थं संखेवेणं अहं भणिमों ॥ सुयणो सोडण ह्म गुणगहणं कुणई जहवि ते नत्थि | गुणभूसिए वि क्वे दोसे गिष्हह्‌ खरो चेव ॥ सुयणाण किं न नमिषह जे वि य दोसे वि [ प० २, ^ ] पेच्छर् गुणोहे । पियजणविरहे जह कोह पिअयणं पेच्छई वणं पि ॥ न हु निम्मला वि फिरणा रिणो पेच्छेर शोसिओ तमसे । तह चेव गुणा इह दुञ्जणो वि पेच्छेद विवरीए ॥ जह विह वीहामि अहं खलाण एमेव तह वि ईवियाण । तहवि महंत वसणं नो तीरह छड्डिउं एयं ॥ अह वा- जो विय एकस्स खो सो चिय अण्णर्स सज्जणो होई । कह सुयण-दुज्ञणाणं पतसंस-निंदा अहं करिमो ॥ जेण भणियं- र्ता पेच्छति गुणा दोसा पेच्छ॑ति जे पिरदति । मज्ञत्था पुण पुरिसा [ प० २, 8 ] दोसे य गुणे य पेच्छंति ॥ ता मश्न्तथा तुम्हे दोसे परिहरह तहवि ददण । गिष्दह विरले वि गुणे सुयणसहावे पि मा मुयह ॥ एत्थ य चारि कहाथो पण्णक्ाओ जिणेहिं सव्व । अत्थकहा कामकहा धम्भकदा मीसगक्डा य ॥ अत्थकडाए अत्थो कामो तह चेव कुयक्डाए । मण्णद्‌ षम्भकहाए चउव्विदो हीह जह धम्मो ॥ सो पुण एसो मणिम जिणेहिं जियराम-दोस[ ष० ३, ^ ] मोहद ॥ तव-सीर-दाण-भावणमेशणं होड चदा ॥ अणसणमा्य तवो सीरं पुण होह चरण-करणं तु । जीवदयाई दाणं अधुयाई भावणा हुंति॥ धम्प्री अत्थो कामो भण्णह मोबखो वि मीसमकद्ाए | एसा सा मीसकहा भणामि हं जिणवरे नमिडं ॥ २०




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