मजमूआइ कवानीने ताजिराते हिन्द | Majamuai Kawanine Ki Tajirate Hind
श्रेणी : इस्लामी / Islamic
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
345
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ठप
নন
बे
१
পাশ শিপ পাশা কপ পাপা
१६ ०--सकारी स॒ताधिम जे। लुझगात प् चे।। की सीयद से লন লিজ কান कर।
১ই৫-ট০ হলাজিন লা নাল এজ हार पर तिएरत से খা বন
९६९ -- सस्री বৃাজিন ল। নামল নী प्रमाद গা না ভন लिय বানাও ।
९८० -- तमति नुलणिम वाना ।
०१-- तप ही सीयत से वर वास पहुनना ये बड़ विज्ञान स्थि किना मित्त
দান १०१
सकार। इला इर्तियाराते जायज की तहकोर के_दयान मे
[+ ~ | ৬
७३२--समन ओर दत्तिछा नागे का अपो पाततर पहुचना दाछ देने के लिये रुपाश ঠীসানা।
१७३--छ्रमा या यीर इत्तिस नाग के अपो या ओर के पात्त तक पहुचने को या उसके
मश्तहर विथ जने का रोकता ।
२७४--हजिर हीोन को जो सकारी सुछाजिम के हुक्म की तापीछ में हों तक करना ।
१७९--वेह शस्प सर्जरी मुलाजिम के हुजूर में दरतावेज वा पेश करना तक करें जि
पर उसका पेश करना নানু লাজিব है ।
१७६--वह शब्स सकि्तरी मुछाजिम को दत्तिला या ख़बर देगी तक कर जिसपर इत्तिला
या ख़बर देनी क नूनन् वाजिव है ।
२७७--झूठी सब्र देगा ।
१६४७८--हलपुरए या इकरार सालिह करने से इनकार करता जब कोई सर्कारी मुलाज़िम
उप्तका वाजानित हुक्म दे । धि
२१०९--सकीरी रलाजिम को जे सदाल करने वा इख्लियार रखता है जवाव टेप से इन्-
वर् करता ।
१८०--वेयान पर दस्तख़त करने से इनकार ल्रना ।
२८१--सकोरी सल्यजिम या उस शख्म मे जो हल्पा या इस्गर साहिह लेने वा इक्लितिप 'र
ख़ता है व हरफ या इक़रारे सालिह यूठ वयान करगा।
९८२-- सकरी मुलाजिम से उका इच्वियार जायज सिसी आर शर्त কী কান দত
8
चने के डिये नाफिज कराने को नीयत से उठी ख़बर देगा ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...