वैदिक कालीन नैतिक एवं मूल्य शिक्षा की आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता : एक समीक्षात्मक अध्ययन | Vaidik Kaleen Naitik Avam Mulya Shiksha Ki Adhunik Pariprekshya Me Prasangikta : Ek Sameekshatmak Adhyayan
श्रेणी : दार्शनिक / Philosophical
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
53 MB
कुल पष्ठ :
261
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)वैदिक कालीन मूल्य और नैतिक शिक्षा के आलोचित अध्ययन में कतिपय
विशिष्ट उद्देश्य को उद्घाटित करने का. प्रयास किया गया है।
1. प्रस्तुत प्रबन्ध में वेदकालीन मूल्य তে नैतिक शिक्षा के प्रत्यय उसकी
विकास यात्रा तथा उसकी इयत्ता को स्पष्ट किया जायेगा साथ ही साथ इस बात
पर दृढता से बल दिया जायेगा कि वैदिक कालीन शिक्षा मेँ जीवन को आध्यात्मिक. 4
नैतिक तथा भौतिक दृष्टि से उन्नत करने के लिए नैतिक मूल्य एवं पुरुषार्थ के `
मध्य केसा सम्बन्ध था इसे सुपरिभाषित कर स्पष्ट करने का प्रयत्न होगा।
2... वैदिक कालीन मूल्य और धर्म के अर्न्तसम्बन्ध के आधार पर आधुनिक
समाज को भी पुनरचित तथा दिग्दर्शित किया जा सकता है और धर्म केवल
कर्मकाण्ड नहीं था वरन् वह जीवन जीने का एक व्यापक तरीका था। जिसमें.
निखिल ब्रहमाण्ड का हित सुरक्षित था उस भावना को आज मानव-मानव ओर.
मानव प्रकृति के मध्य व्यालोडित हए सम्बन्ध को पुनः संयमित एवं संतुलितं करने `
के लिए एक कथन मात्र न मानकर “सर्व भूत हिताय” के रूप में आज भी
उसकी परमावश्यकता है, इसतथ्य को स्पष्ट करने का एक लघु प्रयास है।
রা आधुनिक युग अर्थ युग .के नाम से अभिहित किया जा रहा है जिसमें मूल्य
एवं नैतिकता का कोई स्थान नहीं है लेकिन वैदिक ऋषियों ने अर्थ भी एक
| विशिष्ट मूल्य हे दह भी तव जव वह धर्म से सुसंगत हो और पूर्ण बैतिक,
धुनिक परि भाषा से अधिक वैज्ञानिकएवं व्यावहारिक प्रतीत
य को प्राप्त करने
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