नवनाटक-निकुंज | Nav Natak Nikunj
श्रेणी : नाटक/ Drama
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
31 MB
कुल पष्ठ :
159
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)न
र
र नवनाटक-मिङ्ंख
কিরে [ कुत्त की ओर संकेत ]
'किशोर--हाँ, वह यही है। . 3
शकुंतत्ञा-[ प्रश्न-सूचक दृष्टि से ] क्यों, क्या मैं जान सकती हूँ
कि आप इसे क्यों बेचना चाहते हैं † ह
-किरोर-[ गहरी सोसि ठेकर ] इसकी एक लंबी कहानी है । उसे
पूछने की आवश्यकता नहीं, यदि आप इसे खरीदना चाहती
है तो यह आपकी सेवा मे उपस्थित है । छीजिए ।
'शकुंतठा--आपकी कहानी ही मेरे लेने न लेने का कारणदहो |
सकती है ।
आलती--निस्संदेह । ` “` ¦
किशोर--यदि ऐसी बात है, तो सुनिए। [ सोचते हुए ] पिछले
मीने की बात है। हका जाङा पड़ रहा था । शुक्त पक्ष `
कीरातथी। चंद्रको शीतर किरणें प्रथ्वीकासारा विषाद `
धो रही थीं ।** ** * * !
'शकुतछा--इस कहानी में कविता भी है !
[ हास्य |
-किशोर-या कविता मे कहानी है ।
-शक्ुंतछा--[म॒स्कुराकर] क्षमा कीजिए । मैं भूछ गईं थी कि भैष :
कवि से बात कर रही हूँ । अच्छा, फिर क्या हुआ ?
“किशोर---[गंभीर स्वर में] मैं टहलने के लिये एकान्त स्थान में जा
. रहा था कि एक ओर यह कुत्ता पढ़ा हुआ अपने जीवन
॥
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