श्री भक्तकमाल | Shri Bhaktmaal
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
38 MB
कुल पष्ठ :
1008
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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श्री अयोध्यासरयुभ्यां नमः ! ३
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ओम् नमो भगवते हनुमते श्रीरामदूताय 1
श्रीमते रामानन्दाय नमः ॥
अथ श्रीमक्तमाल सटीक
| (तथा सतिलक)
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दो० भक्त, भक्ति, भगवन्त, गुरु, चतुर नाम वु एक।
इनके पद वंदन कयि, नाशि विध्न अनेक ॥
৩০৯৩৮
अथ टीकाकर्ता श्रीप्रियादासजी का मंगलाचरण
तथा आज्ञानिरुपण ।
| ( १) कवित्त ( ८४२ )
महाप्रभु कष्णचेतन्य , मनहर्नज के चरण को ध्यान मेरे, नाममुख
गाशये। ताही समय नाभाजू ने आज्ञा दई, लई धारि, धका विस्तारि
भक्षमाल की सुनाइये ॥ कीजिये कवित्त बंद छंद अति प्यारो लगे, जगे
जगमाहि, काहे, वाणी बिरिमाइंये । जानं निजमति, एप सुन्यो भागवत
शुक दुमनि प्रवेश कियो, पेसेद काश्ये ॥ 9 ॥ (६२८)
, अथ ` भक्तिसधास्वाद” वार्तिक तिलक ।
„ ॐ नमो भगवते इल॒मते श्रीरामदूताय । श्रीषारुशीलादव्यै नमः।
=वन्कलादन्यं नमः । शरीचग्रअलीदेन्ये नमः ॥ श्रीर्यामनायिकये
नमः । श्रीईंसकलाये नमः ॥ ( श्लोक ) श्यं प्रत्रजंतमनुपेत मपेतक्ृत्यं
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