झुरमुट | Jhurmut
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.185 GB
कुल पष्ठ :
204
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आग
डस निस्द शिकारिन को अपने कंधों पर डाल) उस की ठ०्डी कलाई
गर्दन के सामने ला, उसे दग्र दाथसे थाम, बाँय से उसकी गोल-गोल चिकनी
स्वस्थ जघाओं को कस, वह वनचारी शकर की तरह सती को आग को
লহদ্ ले चला |
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वनचारी बहुत देर तक उस बेहोश जवानी को अपने वक्ष के सहारे
बैठाये रहा ! शरीर और आग की गर्मी से उस में चतना आगई, पर जैसे
सपने में हो | फटी-फटो आंखों से उसने अपने आप को देखा, .बनचारी को
देखा, और सामने सॉप-सी छहराती आग को देखा.।
২১
“ तुम ,कौन १--और वह ...«« वह भयंकर रीछ ? ”? शिकारिन को
पुतलियों में भयमिश्रित आशेका छटपटाई ।
“८ रीछ तो तभी चोट खा कर भाग गया। ?” बनचारी ने.डस का
भय दूर करना चाहा । ।
“ तुम जँधेरे में भी निशाना... १ ”” उस की पुतयियों में विस्मयकरी
चमक और आनन्द की मुसकान खिल उठी।
८८ तुम्हारी चीख सुन कर मैंन एक जलती लकड़ी रीछ को मारी ।
चीक्तार करते हुए वह ऐसा भागा कि अब,..।
४ आग से रीछ भाग गया १
. “ आग से सब पश्चु डरते हैं | ??
«“ জল নহ্য डरते हैं | ”
८६ टा । 99
“४ भेड़िय भी १
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