कान पकड़े | Kaan Pakade
श्रेणी : कहानियाँ / Stories
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.93 MB
कुल पष्ठ :
188
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पड़ोसी दर डॉक्टर साहिब ने कुछ कहने के लिये मुद्द खोला ही था कि हमने उनके चुप रहने की ताकीद करते हुए कहा-- सेरी पूरी बात सुन लीजिये । सै-जं कर रहा था कि संयोग से छापके घराने के तमाम शोक सेरे और मेरे बाल-वच्चों के हर शौक से सिलते-जुलते हैं। वैसे तो यह बहुत मासूली-सी बात है कि वेगम साहिबा ने नाचों नाचो प्यारे सनके मोर वाला रिकॉर्ड सेंगा भेजा है अखलाकब् सभ्यतावश मुक्ते ेज देना चाहिये लेकिन आपको क्या मालूम कि इस रिकॉर्ड के सेजने के साथ दी सुकको कितसे इन्तजास करने पढ़े ये । में रिकॉड के दसरत से रुखसत करूंगा कि संभव है इसकी भी ापके यहाँ वहीं गति हो जो इस के पूर्वज यानी पिया मेंडकी री तू तो पानी में की रानी वाले रिकॉर्ड की हुई है कि उसके कई टुकड़े झाप के इन शब्दों के साथ आ गये थे कि नन्हें. मियां जरा इस पर खड़े हो गए थे । इस हसरत के अलावा मुके रिकॉर्ड के साथ सूइयों भेजनी पढ़ती हैं इसलिए कि मुझे सालूम है कि आप फ़जुलख् नहीं हैं सिफे एक रिकॉर्ड के लिए और वह भी उस रिकॉर्ड के लिए जोआपका अपना न हो कभी थी सूइयो की नई डिबिया न खरीदेगे बल्कि घिसी हुई सूइयों से मेरे दी रिकॉर्ड का नाश करेगे । सिलाई की मशीन झापके यहाँ ज्यादा सेहमान रहती है और खुद हसारे यहां के कपड़े दुर्जियों के दिये जाते हैं और यह भी पता चला है कि आपके यहाँ उस मशीन से सिलाई का काम तो लिया
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