पॉलिसी और उन्नति | Polisi Or Unnati
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
328
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पॉलिसी और उच्चति
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काण्ड 3
चर अवना्तिक्रा मुख कारण +&&
आता लव
संलासम जिस वस्तुको देखा ज्ञाय नियमवद् प्रतीत होती है
सीर नमाम जीय प्रारनिक नियमोकि थधीन हो अपने पने कतत
ध्यॉका पालन फर रहे हैं। इसीसे यद संसार-चक्र पूर्ण रुपसे
नियमानुकृछ चलता दुआ दिखायी द रहा है।
जब फोई घस्तु प्रारुतिक नियमोंसे हृटती है तो तरह तरहकी
बाधाए उपस्थित हुआ करली ह । उदादरणार्थ, जय पृथ्वी धपनी
धुसीपस्से धूमनी धूमती फु भो यती द तो क्सीन किसी
सितारेसे कराकर उसकी गतिमें केवल अन्तर ही नहीं पड़ता
किन्तु भूकम्प होकर शदरके शहर और छाखों जीव-जन्तु नट हो
जाते ह । इसका मुख्य कारण केवट यदो है किं जव कमी कोई
जीव या वस्तु प्राकृतिझक नियमोंका उल्लंघन फरना चाहती है
तो प्रति उसको नियमपर छानेके लिये अनेक चेटा करनी ह
और यदि चेष्लापर भी नियमाजुकूल न होवे तो उस धस्तुको नष्ट
फरनेके लिये बाध्य होती है । सांसारिक उन्नति और अवनति
इसी अटल नियमके अधीन है।
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