पॉलिसी और उन्नति | Polisi Or Unnati

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Polisi Or Unnati by रामलौटन प्रसाद - Ramlautan Prasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पॉलिसी और उच्चति ~~ काण्ड 3 चर अवना्तिक्रा मुख कारण +&& आता लव संलासम जिस वस्तुको देखा ज्ञाय नियमवद् प्रतीत होती है सीर नमाम जीय प्रारनिक नियमोकि थधीन हो अपने पने कतत ध्यॉका पालन फर रहे हैं। इसीसे यद संसार-चक्र पूर्ण रुपसे नियमानुकृछ चलता दुआ दिखायी द रहा है। जब फोई घस्तु प्रारुतिक नियमोंसे हृटती है तो तरह तरहकी बाधाए उपस्थित हुआ करली ह । उदादरणार्थ, जय पृथ्वी धपनी धुसीपस्से धूमनी धूमती फु भो यती द तो क्सीन किसी सितारेसे कराकर उसकी गतिमें केवल अन्तर ही नहीं पड़ता किन्तु भूकम्प होकर शदरके शहर और छाखों जीव-जन्तु नट हो जाते ह । इसका मुख्य कारण केवट यदो है किं जव कमी कोई जीव या वस्तु प्राकृतिझक नियमोंका उल्लंघन फरना चाहती है तो प्रति उसको नियमपर छानेके लिये अनेक चेटा करनी ह और यदि चेष्लापर भी नियमाजुकूल न होवे तो उस धस्तुको नष्ट फरनेके लिये बाध्य होती है । सांसारिक उन्नति और अवनति इसी अटल नियमके अधीन है।




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