हिन्दी में अमरगीत काव्य उसकी परंपरा | Hindi Mein Bhraman Geet Kavya Aur Uski Parampara

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Hindi Mein Bhraman Geet Kavya Aur Uski Parampara by स्नेहलता श्रीवास्तव - Snehalta Srivastav

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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| ५ | 85 गोण रचनाएँ स्फुट पद-मतिराम ३७३ स्फुट पद्--बरकत उल्लाह 'पेमीः ३७५ स्फुट १द्-देव ३७७ स्फुट पद्‌ -घनानन्द्‌ ३७८ स्फुट पदू--पदूमाकर হন स्फुट पद--ठा कुर ३८५ अप्टस अध्याय आधुनिक काल में प्राप्त शभ्रमरगीत काव्य ३८७-५५४ १--सामयिक परिस्थिति ` दर सामाजिक परिस्थिति | ३६० आशिक परिस्थिति ३६२ धार्मिक परिस्थिति ३६४ साहित्यिक परिस्थिति श्ध्प २--(क) आधुनिक युग की प्रमुख भ्रमरगीत रचनाएँ ओर उनके रचयिता ४०० (१) विश्राम सागर--रघुनाथदास राम सनेही ४०१ (२) मंवरगीत--प्रागनि ४०५ (३) स्फुट-मारतेन्दु ४१२ (४) विष्णु गीत हरिविलास ४२० (५) ऊधो ब्रजागसन--रसील्े ४२४ (६) भ्रमर दृत-रूत्यनारायण कबिरस्न ४२७ (७) प्रियप्रवास--अयोध्यासिह उपाध्याय 'हरिओघ!ः ४३७ 05) उद्धव शतक--जगन्नाथदास रत्नाकर ४७३ (६) द्वापप--मैथिली शरण गुप्त ५०३ (१०) मुकुन्द विलास--मुकुन्दीलाल ४११ (११) ऋष्ण सागर--जगज्नञाथ सहाय ४१६ (१२) अश्न माल--कवीन्द्र माहोर ५१७ (१३) नेह निङ्क'ज - (दीवान बहादुर केप्टेन) चन्द्रभानु रजः २१




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