आदर्श हिन्दी शब्दकोश खंड - २ | Adarsh Hindi Shabdkosh Khand - 2 (Hindi - Hindi Dictionary Part 2 )

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Adarsh Hindi Shabdkosh Khand - 2  by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पतंगछुरों जाता है कनकैया गुड देखो पतड़ पिशुन प्तंगवाज- दिणपु ० पतग उड़ाने वाढा पतग का शौकीन | क प्रताबाज़ी- हिं० छी० पठग उड़ाने की कछा | पतंगसु्त- हि ० देखो | पतंगा-िनपु ० फ्तिगा एक प्रकार का परदार कीड़ा छुठिंग चिनगारी दीपक की बत्ती का बह अ जो जठ कर गिर पढ़ती है फूल गुल | पत-हिं० की० लज्जा आवरू प्रतिष्टा इज़त पु० पति खामी ख़ाविन्द पत उतारना-अपसान करना पत- पानी-मान प्रतिष्ठा पंत रखना- इजत आवरू बचाना | पत्र फ्ती | पतखीबन- दिं० ५० ऐसा कार्य करने बाठा नितसे अपनी या दूसरे की वेदजती हो | पतंगन स० पु० का । पतज्ञ- सं० इं० पक्षी चिहिया सूथ फतिंगा टिडड़ी एक प्रकार का धान चिनगारी एक गन्धव का नाम जठ महुभा शरीर नाव एक पर्वत का नाम पार एक प्रकार का चन्दन बाण अग्नि घोड़ा पिशाच मक्सी . कृष्ण का एक नाम प्रजापति के एक पुत्र का नाम। पतट्मेम- स० पु पढ़ी चिट़ठिया शल्भ टिद्दुडी | पतह्िका- स० खी० एक प्रकार की मपुभक्सी । पछ्षी चिड़िया 5० गसढ़ । हि० छो० वह कतु जिसमें की पत्तिया झब जाती हैं साध गौर कागुन का महीना भवनति काछ नाश का समय | मंत्र देखो पतझड सभ्ल० धनुष को डोरी चिल्छा | दर योगशाल्र के प्रणेता पाणिनिके महांमाध्य के प्रणेता । हो बिसका दल मोटा न हो शीना इृढका अधिक तरठ मगक्त असमथ पतत प्रकषे- प० पु० काव्य में एक | हीन कमजोर पता पढ़ना-आपत्ति प्रकार का एप दोष । में पढ़ना पत॑छा दाल-दुद्शा । पतत्र-स० नपु० पथ पख डेना | ्यछाई पतलापन- दिं० पतला दोने चाहन सवारी । पृतन्रि- सं० पु० पक्षी की पृतत्रि गरद ५ पी चिड़िया । 9० पश्चिराज गरढ़ पतदुसीरु- स०पु० द्वेन पक्षी बाज | नर गिरने या नीचे भाने का भाव गिरना नीचे भैंसने की क्रिया अवनति अभोगति नाश सृ्यु पाप जातिय्युति उढ़ने की किया या भाव उड़ान किसी नक्षत्र करा भक्षाश बि० गिरता हुआ उठते बाला या उड़ता हुआ | एतनशींज- 8० दि जिसका पतन निश्चित हो गिरने वाला | पतना- हिं० पु योनि का किनारा । हि पुर मोरी | पतित्त होने बाछा गिरने बाला नपु० पतित करने वाह पाप | स॒० बि० निसका पतन अधोगति या विनाश समीप भाता हो जो गिरना चाहता हैं । पतपानी- दिन ० प्रतिष्ठा सान छा आात्रर | ४० चन्द्रमा पी चिड़िया फतिंगा | ी पतयाछु-स०वि० देखो पतनशी़ | पतंथिष्शु- प्० बिन गिरने वाला | शहर दिग्वि० कशा पतला पृ० पत्ता । पतरो- हिं० पु० पंच सरसों का पत्ता बि० पता | पतरी- हिल्‍्खी० । पतनशील गिरने बाला हिं० बि० कण जो मोय ने का भाव | धृत छुआ | विष्णु | ० वह पायजामा जिसमें मियानी नहीं लगाई जाती और जो बटन से बेद ध्या जाता है | सरकड़ा सरपत | पंतबर- कि हि० पक्ति के क्रम से वरावर से । पतचा- हिग एक प्रकार का मचान जिसपर रैठकर शिकार किया जाता है । नाव का वह तिफोना अंग जो इसके पीछे की और छगा होता है जिसके द्वारा नाव सोड़ी और घुमाई जाती है कण कन्हर । ऊख का खेत | पतबाल-दिग्ली देखो पवार | पंत्ता- दि पु किसी वस्तु या ब्यक्ति के स्थान का शान कराने बाली वस्तु छश्षण आदि जिसके द्वारा उसको पा सकें अनुसन्धान खोज रहस्य गूढ तल जानकारी ख़बर चिट्ठी के पीठ पर छिखी हुई पते की इवारत पत्ता # ठिकादा-किसी व का स्थान तथा परिचय पत्ता निशान-लिन बातो से कुछ आना ना सके पतेकी बात- मेद खोठने की बात | पताई-हिं० लीन सूल कर झड़ी हुईं पोषे की पत्तिया । पत्ताका-| स० लीग ध्वज निशान झंडा रौमाग्य तीर चने मे अगुलियों की विशेष स्थिति दस खर्व | की सख्या पिंगछ के अनुसार किसी ठप गुरु वां के छन्द अथवा छन्दों का स्थान जानने की रीति वह डड़ा जिसमें पता का पटिराई जाती है नाटक में व स्थान एक पाज+कोई बात




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