भारतीय इतिहास की कहानियां | Bhartiy Itihas Ki Kahaniyan

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Bhartiy Itihas Ki Kahaniyan  by बी. एन. महता - B. N. Mahta

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हमारी मादभूमि ७ .~~-^ ~~ ~~~ ~~ ~~~^~~~~ ~~~ ^~ ~~ ~~~ ~~~ ~~~ ~~~ भारतवर्ष खेतिहर देश है और यहाँ के अधिकांश निवासी किसान हैं । ये लोग प्रायः बड़े निधन और संतोषी होते हैं, और बड़े परिश्रम से खेतीबारी करते हें । अपने देश की प्रशंसा में नीचे लिखी कविताएँ कण्ठस्थ कर लो, और अपने गुरुजी को सुनाओ । (৫) सारे जहॉ से अच्छा दिन्दोस्ताँ हमारा । हम बुलबुले हैं इसकी यह गुलसिताँ हमारा । 'गुरबत से हो अगर हम रहता है दिल वतन में । सममो हमें वहीं ही, दिल हो जहाँ हमारा ॥ पर्वत वो सब से ऊँचा हमसाया आसमाँ का। वह संतरी हमारा वह पासबों हमारा॥ गोदी में खेलती हैं इसकी हजारों नदियाँ । गुलशन है जिसके दम से रशके जिनों हमारा ॥ यूनानो मिस रोमों सब मिट गये जहाँ से। अब भी मगर हे बाक़ी नामो निशाँ हमारा॥ सजहब नदी सिखाता आपस में वैर रखना । हिन्दी है हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा ॥~ इकबाल कोई महरम अपना नहीं जहाँ में । मालूम क्या किसी को दद निहाँ हमांरा ॥ (२) हमको प्यारा हिन्दुस्तान । देश हमारा हिन्दुस्तान ॥ इधर हिमालय खड़ा हुआ है | महाबली सा अड़ा हुआ है ॥




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