परिषद निबन्धावली | Parishad Nibandawali
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
210
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१४ [ परिषद-निबन्वावली
मव्य दे दिया है 19 सम्भवत इन उस्नेखो का मूल आधार
राज्य ॐ लेखो, वंशावलियो, जन्म-पत्र तथा जनश्रुति पर होगा |
आधार चाहे छुछ हो, कम से कम उपलब्ध एतिहासिक सामग्री
से सहायता अवश्य ली गयी है, ओर अनुमान भी युक्तिसगत ही
है | हमारी समझ में इस मत के मानने में कोइ विशेष कठिनाई
नही दिखाई पडती । ह, सवत् १५५५ को अपेक्ता सवन् १५६० के
आसपास जन्म होना अधिक युक्ति-संगत जान पड़ता है ।
रत्नसिह के, ज्येष्ट भ्राता वीरमदेव का जन्म संवत् १५३४ में
दिया हुआ है ।? ओर जब रत्नसिहजी चतुथ पुत्र थे ३ तो उनका
जन्म संवत्त १५३९-४० के लगभग हुआ होगा । यदि मीरों के जन्म
के समय उनके पिता की आयु २० वषं की मान ली जाय, तो संवत्
१५६० के आसपास उनका जन्मकाल अपने आप निकल आता
है। मीरों के पति भोजराज की आयु पर विचार करने से भी हम
इसी निश्चय पर पहुँचते हैं. | भोज के पिता महाराना सांगा का
जन्म संवत् १५३९ में हुआ था ।४ यदि भोजराज के जन्म के समय
उनके पिता की रायु २० वषं की होगी, तो भोजराज का जन्म
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१. महाराना सांगा ( शारदा ) पृ० ३६-६६ .फटनोर
२. ना० प्र० पत्रिका भाग १ पृ० १४४,सरस्वती ( जनवरी १६१९ )
२३. सुधा ( फाल्गुन सं० १६८४ )
४, महाराना सांगा ( शरदा ) ना० प्र० प० भाग ३ ४० ११४
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