तिब्बत - एक बफर राज्य की विडम्बना | Tibbat - Ek Baphar Rajya Ki Bidambana
श्रेणी : राजनीति / Politics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
216 MB
कुल पष्ठ :
240
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about ऐश्वर्य रत्नम् पाण्डेय - Aishvarya Ratnam Pandey
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)3. _तिब्बती अध्ययन के राजनयिक दृष्टिकोण से प्राप्त जानकारी | से प्राप्त जानकारी - इस दृष्टिकोण को लेकर
लिखे गये साहित्य द्वारा हमें तिब्बत के अन्तर्राष्ट्रीय संबंधों के विषय ল जानकारी प्राप्त होती है |
तिब्बत के साथ ब्रिटेन के संबंध मूल रूप से केन्द्रीय एशिया में अपने राजनीतिक तथा व्यापारिक
हितों का विस्तार करने के लिये स्थापित किये गये | 1807216 तथा $20प61 1प्रा॥1७/ के तिब्बती
मिशनों के साथ तिब्बत के साथ राजनयिक पश्चिमी सम्पर्क का सूत्रपात हुआ । सन् 1800 में
प्रकाशित सेमूल टर्नर की पुस्तक “#॥ /०९०पफ् 0 211 {110285९ 10 075 ০০1 01009
{68100 1.2118 171 {10 अंग्रेजी भाषा में तिब्बत पर प्रकाशित प्रथम पुस्तक थी । इस क्षेत्र में
ब्रिटेन ने सर्वप्रथम तिब्बत की क्षेत्रीय सीमाओं को परिभाषित करने, इसके शासकों की राजनीतिक
अधिकारिता को प्राथमिक सूची में रखा साथ ही तिब्बत के पड़ौसी राज्यों के साथ संबंधों को भी
विचार हेतु रखा गया | इस संदर्भ ने ब्रिटिश सरकार ने श्री शरत चन्द दास को सम्यक जानकारी
एकत्रित करने के लिए सरकारी सहायता से तिब्बत भेजा । हंगरी के महान् अन्वेषक व भाषाविद
( 50118 ५€ {< 0108 को बंगाली सरकार द्वारा सन् 1830 में तिव्वती शब्द कोष तैयार करने के
लिए अधिकृत किया गया | सन् 1903 में ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रेषित शप्र 7050916
1155011 के आक्रमण के समय ब्रिटिश सामरिक हितों से प्रेरित लेखन कार्य अपनी चरम सीमा
पर पहुँच चुका था | इस अभियान में तिब्बत को उसके शेष विश्व से “दूरस्थ' 'प्रथक' एवं कटे
हुए' स्वरूप से अलग महत्वपूर्ण स्थिति प्रदान की | इस समय तिब्बत ब्रिटेन के लिए सामरिक
महत्व का क्षेत्र था जिसके नेताओं के साथ युरोपियन अधिकारी औपचारिक संबंधों के युग में
पर्दापण कर रहे थे इन अधिकारियों के सम्मुख तिब्बत राज्य का स्तर तथा सीमाओं का निर्धारण
प्रमुखतम मुददा था । जिसके लिए तिब्बत की अर्थव्यवस्था, भूगोल तथा राजनीतिक व्यवस्था के
विषय में जानकारी प्राप्त करना प्रमुख प्राथमिकता थी | इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ब्रिटिश
सरकार ने 9. /.%169 को बड़ी नदियों के उद्गम स्थल जानने का भार सौंपा, 11119]
{0016100 को भारतीय सेना के लिए घोड़ें खरीदने का कार्य सौंपा गया | द 0০ 095 011 चे
दक्षिणी हिमालय की यूरोपियन नव-उपनिवेश की उपयुक्तता को विश्लेषित किया । 9০11,
(2601101, ४0प्रा1ह 0308106, }486001810, 00परात् प्रभृति विद्वानों ने तिब्वती इतिहास को
बड़ी क्षेत्रीय शक्तियों जैसे - ब्रिटेन, चीन, तथा कुछ सीमा तक रूस के मध्य क्षेत्रीय प्रतिद्दन्द्िता:
के मद्देनजर विश्लेषित वर्णित किया | 19वीं - 20वीं सदीं के तिब्बत विषयक अध्ययन (बा,
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