अथ पातंजलयोग दर्शनम | Ath Patanjalyog Darshanam
श्रेणी : योग / Yoga, हिंदू - Hinduism
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20 MB
कुल पष्ठ :
558
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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* पादाह्वा। सूत्राह्म। ভাজা:
सचपुरुषयों: झुद्धिसाम्ये कैवल्यमिति_.... ३. .ध५७४. ४१४
सच्वपुरुपान्यताख्यातिमान्र्य स्वेभावा*-
घिष्ठावत्व॑ सर्वज्ञातृत्वं च. .... „३ ४९ ४६९६३
सरवशुद्धिसौमनस्यैकाम्रय निद्रियजयात्मद्शन- ॥॒
योग्यत्वानि च ४ ৯০৪৯ ४१ २४८
सदाज्षाताश्रित्तवृत्तयस्तत्पसो: पुरुपस्या-
परिणामित्वात्ू._.... 2 ১১৪৯ १८ ४६८
समाधिसावनाथः झैशतनूकरणाथश्र «०» रे २ १६४
समाधिसिद्धिरीश्वरप्रणिघानात् ,... »००० रे ४५ २५३
समानजयाज्ज्वलनम् .... = , मे ९० ३७५
संतोषादयत्तम सुखलाभः ` ^ ~ रे ४२ २५०
संस्कारसाक्षात्करणात्पूवे जातिज्ञानम् ५००० ই १८ ,३२४
स्वार्थतैकाय्रतयोः क्षयोदयौ चित्तस्य समाधि-
परिणामः व ह ,००० हे ११ २९१
सुखालुश्षयी रागः «««« प ०००० ७ १५०
सुक्ष्मविपयस्वं चाि्घपर्यवसानम् ` ,..49 ४५ ९५९४
सोपक्रमं निरुपक्रमं च कर्म तत्संयमादपरान्त.
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स्थान्युपनिमन्त्रणे सहस्मयाकरणं पुनरनिष्ट- |
प्रसड्भात् न ,. «००० हे ५५१ १९८
स्थिरसुखमासनम् ~ = = द ४६ २५५
स्युरुखरूपसष्ष्मान्वयार्थवच्संयमादूतजयः ५ 2 ४४ ६३७८
च्छतिपरिशदधौ स्वखूपद्यूल्येवाथैमात्रनिसासा `
निर्वितकी = ^ , -१ 91. ७६ ५०९
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खरसवाही विदुषोऽपि तथा. रुढोऽभिनिवेशः... २ ९ ५५२
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