बिहार की हिन्दी साहित्यिक पत्रकारिता | Bihar Ki Hindi Sahityik Patrakarita
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
137
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)इस पुस्तक में मेरा प्रयास रहा है कि मौलिक संदर्भो से
साक्षात्कार करूं। पुस्तक में वर्णित सैकड़ों दुर्लभ पत्रिकाओं के
अध्ययन के क्रम मे मेरा प्रयास रहा है कि उनके विषय्-वस्तु से
भी पाठकों को परिचित कराऊं। आम पाठक तथा जागरूक
साहित्यिक अध्येता तक इन पत्रिकाओं से अनभिज्ञ है। अधिकतर
लोगों ने शायद ही इन दुर्लभ पत्रिकाओं को देखा हो। इसीलिए
मैने कोशिश करकं ऐसी पत्रिकाओं की सामग्रियों का विस्तृत कर्षन
कर दिया है। कहीं-कहीं पूरी विषय-सूची भी दे दी गर्ह है ताकि
पाठकों को उन पत्रिकाओं में प्रकाशित सामग्रियों की एक रूपरेखा
झलक पाए। जहां-जहां संभव हुआ, प्रवृत्तिमूलक विश्लेषण भी
प्रस्तुत किया गया है।
बिहार की हिन्दी साहित्यिक पत्रकारिता को समझने की मेरी
यह कोशिश इस विषय पर एक आरंभिक दस्तावेज मात्र है। पहले
प्रयास की अपनी सीमाए होती हैं। पुस्तक के पाठकगण इस अध्ययन
में कोई नई बात पा लें तो मेरा उत्साह बढ़ेगा। पुस्तक में जो त्रुटियों
हैं, उन्हें यदि इंगित किया जाए तो लेखक अनुगृहीत होगा।
अन्त में, हिन्दी की साहित्यिक पत्रकारिता के क्षेत्र में, बिहार
का जो अमूल्य योगदान है, इस परिप्रेक्ष्य में आज चिन्ता का विषय
है कि यहां एक भी लगातार प्रकाशित होने वाली हिन्दी की कोई
गंभीर साहित्यिक पत्रिका नहीं है। लेखको तथा रचनाकारों से भरे
इस प्रदेश को इस अध्ययन से यदि प्रेरणा मिल सकं, ओर कोई
सफल प्रयास किया जा सके तो पुस्तक लिखने का मुझे फल मिल
जाएगा। इसी कामना के साथ यह पुस्तक में पाठकों को समर्पित
करता हू]
पटना कल्याण कमार ज्ञा
13 “निहार की हिन्दी
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