स्वप्न | Swapn
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
116
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पहला सग [ १९.
| २० |
खेर रदी ह जिन पर जल की
वृदं मुक्ता सी द्युति धरकर।
पैसे पद्म-प्न से पुरुकित
विमल सरोवर में नोका पर ॥
कहते हुये पद्य से खुन्दर
ललना के है दग मुख छर पद् ।
उसको रोमाश्ित करने से
बढ़कर ओर कहाँ सुश्व फी इद् ?
| २१ |
पक बद् जर घन से गिरकर
सरिता के प्रवाह में पड़कर।
जाता हूँ मैं फिर न জিরা?
यह ॒ पुकारता हुआ निरन्तर ॥
चला जा रहा है आगे से
कैसा है यह दृश्य भयावह ।
इस अस्थिर जग मे क्षया मेरे
लिये नहीं है चिन्तनीय यह्?
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