औद्योगिक मनोविज्ञान | Audhyogik Manovighyan
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
427
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सामान्य सिद्धान्त ७
और गे मेली (5७020) ने भनोवैज्ञानिक परीक्षणों के प्रयोग का अपनी पुस्तकी के
माध्यम से व्यापक प्रचार किया। मनोवैज्ञानिक परीक्षणों का व्यावसायिक चुनाव मे
भी व्यापक प्रयोग किया गया । इनके आधार पर कर्मचारियों के चुनाव में भी वडी
सहायता मिली ।
अमरीका मेँ ग्रौद्योगिक मनोविज्ञान का विकास
मन् १६१७ मे सयुक्त राज्य अमरीका भी विश्व युद्धमे दामिल हो गथा)
अ्रमरीका में सेना में भर्ती करने के लिये कर्मचारियों के मनोवैज्ञानिक परीक्षणी के
हेतु एक मनीवँज्ञानिक संघ की स्थापना की गई और बड़े
अनुसन्धान कार्य पैमाने पर मनोवैज्ञानिक परीक्षणों से सेना, नौसेना और
वायु-सेना में भर्ती में सहायता लो गई । इससे अमरीका
में औधोगिक मनोविज्ञान के क्षेत्र मे झोध कार्य को प्रोत्साहन मिला गौर इससे
सम्बन्धित साहित्य तेजी से बढ़ने लगा। सन् १६१६-१८ में डब्नू० डी० स्काट
(५४, 0 8००४), एच० एल० होलिंगवर्थ (पत्र 1, पणाशडएणाफ) और ए०
डी० पोफेननरजर (8. प ০9৩০৩:৪৩০) त्वा ए उच्च कौर्नहौनर (^. प.
10027118056] নী ীলীমিব্ হী मे महत्वपुणं भ्ननुसन्धान किये । ये सव विश्वे-
विद्यालयों मे प्राध्याषक थे। इनके ग्रतिरिक्त कुछ ऐसे लोगों ने भी महत्वपूर्ण भनु-
सन्धान कायं कयि जो विश्वविद्यालयों से नहीं वल्कि स्वय उद्योगो से ही सम्बन्धित
ये 1 सन् १६१६ मे एच० सी लिक (प्र © 7.71) ने कर्मचारियों के मनो-
विज्ञान 87910श1९०१६ 759ण०ण०६/ नामक पुस्तक की रचना की। इसमें
व्यावसायिक प्रशिक्षण, दुघंटनाओ की रोकथाम, कार्य वी विधियों का विश्लेषण
ओर अरोचकता दूर करने के उपायो ग्रादि के विषय में महत्वपूर्ण झनुसधान हुये ।
इस काल मे प्रकाशित पुस्तकों मे निम्बलिखित विशेष रूप से उल्लेखनीय है--
1 मणगाएएशग्यां मर 1, , शण्स्यांणाओं ए9) ००083, 1916
2 70111950701) ग्रात॑ 1১০7৯1৮012৩, 47159
नवीन साहित्य का. ए/०००१४ 197
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पला 95 लाण०९५४, 1926
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