अर्जुनोर्वशी | Arjunovarshi

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Book Image : अर्जुनोर्वशी - Arjunovarshi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जगदम्बा बन्दना १६ {~~ [ निराकारसाकाररूपे अती ते, अमरसबिते शान्तशी तलसुहासे , হাত ছল शरीरम्‌ भवेम्‌ तब दासः , সি ख ৯ हि = तवाडु तवाई हि क्रीडेम सततम्‌। खयत्‌रुथिरमस्तकसुशोधितद्ुहस्ते , रुधिरखपरे, मदद.गान्ते, सुखरे. शिवशरीरधुतपदललासे, प्रमत्ते , चरञ्जिहदीप्ते, प्रणामः प्रणामः | स्वयंभवरसमुब्लासजनित प्रमोदे , जननि, शुद्धगति तच्यविसद्‌ घकाशे, सतत . सब्चिदानन्द्सारे, सवासे, सतोग॒ण निपरणे, निजाङ्क घरतु मा। परमहंसली ले, सदुलशिशुवित्ञासे , लसद्लास्वलसिते, रमरणरासरसिते , ग्रचण्डानने, घोर ताण्डवविधायिनि, सुहासिनि, अभयदे निजाङ् धरतु मा।




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