अर्जुनोर्वशी | Arjunovarshi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
61
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जगदम्बा बन्दना १६
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निराकारसाकाररूपे अती ते,
अमरसबिते शान्तशी तलसुहासे ,
হাত ছল शरीरम् भवेम् तब दासः ,
সি ख ৯ हि =
तवाडु तवाई हि क्रीडेम सततम्।
खयत्रुथिरमस्तकसुशोधितद्ुहस्ते ,
रुधिरखपरे, मदद.गान्ते, सुखरे.
शिवशरीरधुतपदललासे, प्रमत्ते ,
चरञ्जिहदीप्ते, प्रणामः प्रणामः |
स्वयंभवरसमुब्लासजनित प्रमोदे ,
जननि, शुद्धगति तच्यविसद् घकाशे,
सतत . सब्चिदानन्द्सारे, सवासे,
सतोग॒ण निपरणे, निजाङ्क घरतु मा।
परमहंसली ले, सदुलशिशुवित्ञासे ,
लसद्लास्वलसिते, रमरणरासरसिते ,
ग्रचण्डानने, घोर ताण्डवविधायिनि,
सुहासिनि, अभयदे निजाङ् धरतु मा।
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