वैदिक संहिताओं में नारी | Vaidik Samhitaon Men Nari
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
265
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ग )}
शब्दों में व्यक्त करे, यह मेरी पहुँच के बाहर की वस्तु है, वयोकि उन्होने अपने
सहयोगियों श्रौहरिबंश कुमार पाण्डेय तथा श्रीकम्दई सिह कुशवाहा के साथ
इस्त शोध-ग्न्थ को अलड्कृत करने मे अपना बहुमूल्य समय दिया है ।
सुविष्यात युदक तारा प्रिन्ट प्रेस, वाराणसी के व्यवस्थापक श्रीरमाशडूर
पण्डया जो की भी में कृतज्ञ हुँ, जिन्होंने बडी लगन एवं तत्परता के साथ इस
ग्रन्थ का मुद्रण सम्पन्न किया ।
सन्त मे मै सुयोग्य विद्रातु पाठको से निवेदन करती हं कि वे मेरी प्रद्क्ष-
भप्रत्यक्ष होने वाली भृलो पर सहानुमृतिपूरवेक विचार कर मेरा उस ओर
যান আস্থা কব, जिससे भूल-युधार का मागं परशस्त हो सके, व्योकि মৃত होना
अस्वाभाविक नही है--
गच्छत स्तलनं क्वापि भवत्येव प्रमादत ।
हसन्ति दुरजनास्तत्र समादधति सज्जना ॥
विं० प° २०४७ >मालती शर्मा
वाराणसी
विजय दशभी
(२९।९।१९९०)
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