श्री पञ्च प्रतिकर्मन सूत्र | Shree Panch Pratikarman Sutra
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
30 MB
कुल पष्ठ :
870
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(९५ )
१६४ आत्म बोधनी (सामि सयणां ) ००७
१६५ धोर्वाडानीं ( धोवीडा तुं धोजे मननु ) 0০0
१६८६ भरतजीनी ( मनहींमें वेरागी ) ००९ .
१६७ हंढणरुपिनी ( ढंढण रुपिने वदणा हु बारी छाछ ) 0९७
१६० अइमतानीनी ( श्री अश्मत्ता मुनीवरजीकी ) ७११
१६९ करकंडुनी ( चंपा नगरी अतीभली ) ०९९
१७० क्रोधनी ( कडवा फल छे क्रोधना ) ०९३
१७१ माननी (रे जीव मान न कोजीए ) . 0१४
१७२ मायानी ( समरकीतनुं मूल जाणीयेजी ) . १
१७१ लोभनी (तुमे लक्षण जोजो छोभनांरे ) 0২০
৭৩ আহদবলী ( मद आठ महा मुनी वारीए ) 0१६
१७५ मेतारन युनिनी सज्ञाय. ८१८
१७६ अरणिक मुनिनी सल्ाय. ` . - ८२०
१७७ वणजारानी सज्जाय, ` ` ८९१
१७८ आत्म शिक्षा सज्जाय, # चः ८२२
१७९ सामायकना वत्रीस दोषनी सज्ाय. ` ०२३
१८० शान्वता लिन स्तुति. .. নত
१८१ आदिजिन स्तुति... । ०९५
१८२. बीजं तीथिनी स्तुति. , ५“ . : शकह.
८२ पंचमीनी स्तुति. ` ৮. 4৯ এ ` ८2७ ..
१८४ अप्ठपीनी स्तुति, ` ~ : ৫৯৫.
१८५ एकादशी स्तुति, -. ` ` - - ०२९९
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