विहार | Vihar

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Vihar by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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& ११ मिलाप हुआ | साधुओं के साथ इस तरह के मिलन नत्रीन प्रेरणा देने वाले होते है । कानपुर एक बडा औद्योगिक शब्दर है। ক্লক का, ऊन का, कपड़े का काफी बड़ा उद्योग यद्दा चलता है । जे० के० उद्योग प्रतिष्ठान, जो कि भारत के चोटी के उद्योग प्रतिष्ठानों में से एक दै, फा प्रधान केन्द्र भी फानपुर में दी हे । कानपुर का एयर सेना केन्द्र मी अपने ढग का अकेला द्वी है । यक्षा पर ््वाई जनो की मरम्प्त,|निर्माण और प्रशिक्षण भी दिया नाता हे । कऋाजादी के श्रादोलन के समय हिन्दू-मुस्तिम एक्य केपावन उहश्य से अपना बलिदान देने पाले कसमंठ. देशसेदी और पत्नकार श्री गणेश शंकर विद्यार्थी के कानपुर पहुँच कर बहुत सतोष हुआ । हमारा व प्रेमचदजी सुनि फा साथ-साथ विहार गाधी नगरं हुश्वा । यष्ट लाला युद्धसेनजी ने ७०५ स्त्रो पुरुर्षो को नस्ता करवाया । कानपुर से १७२ मीज् चलकर हम सुगल-कालीन राजधानी आगरा आये | आगरा शहर तो घहुत सकरी गलिर्थो का, गदा श्रीर्‌ पुराने ढंग का ही है, पर ताजमइल ने आगरा को विश्त्र प्रसिद्ध कर दिया है | वैते यष्ट का लाल किला श्रीर जुमा मस्जिद भी सुन्दर हे खोर २४ सील पर फतेहपुरसीकरी भी इतिद्वास के विद्यार्थियों के लिए आाकपंण का फेन्द्र है, पर ताजमहत्न की तुलना किमी से नहीं की जा सकती । इसे विश्व के ७ आश्चर्यों में से एक माना जाता है | इसकी प्रसिद्धि के दो कारण हैँ, एक तो कलात्मक शिल्प और दूसरे मे उसके निर्माण के पीछे प्रणय फ्री कोमल भाषना। किसी प्रेमी बादशाह ने अपने प्रणय पात्र के लिए ऐसी भव्य इमारत का निर्माण श्रव तक नहीं कराया । यमुना के किनारे दूध से घुल्ते सफेद पत्थर फी यह्‌ कृति शरदपूर्णिमा के दिन तो सचमुच अदूभुत लगती होगी । ताजमहल्न देखने आने पालों की सख्या कभी फम नहीं दोती ।




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