शिव प्रसाद सिंह के उपन्याश | Shiv Prasad Singh Kay Upanaysh

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Shiv Prasad Singh Kay Upanaysh by समिता देवी - samita devi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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तिलस्मी उपन्यासों के अन्तर्गत बाबू देवकीनंदन खत्री (सन्‌ 1861-1913) कृत 'चन्द्रकांता' और “আল্লকালা অললি' हरे कृष्ण जीौहर कृत 'कुसुमलता' उल्लेखनीय है। इन उपन्‍न्यासों में चमत्कार प्रदर्शन, कौतूहल वृद्धि, प्रेम प्रसंग का सरल और प्रवाहमय वर्णन किया गया है। जासूसी उपन्यासों के अन्तर्गत गोपालराम गहमरी कृत, अदभुत लाश ओर गुप्तचर उल्लेखनीय है। इन उपन्यासो में रहस्य और रोमांच की प्रधानता है! ठाकर जगमोहन सिंह का श्यामास्वप्न' रोमानी उपन्यास है। प्रगाढ़ प्रेमानुभूति और सामाजिक रूढियों का उपन्यास हे, गहरी करूणा ओर दया अंकित है| विषय वस्तु ओर शिल्प दोनों ही दृष्टियों मे भारतेन्दु युग के उपन्यास एक प्रथा परम्परा का प्रारम्भ करने की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्णं है । इस काल में सामाजिक उपन्यासो की अधिकता रही है | मानवीय प्रेम के विविध पक्षों का भावनात्मक चित्र खींचने में इस युग के उपन्यासकारों को विशेष सफलता मिली हैं। : द्विवेदी युग में मुख्य रूप से सामाजिक, ऐतिहासिक, तिलस्मी, जासूसी आदि प्रकार के उपन्यास लिखे गये । सामाजिक उपन्यासों में लज्जाराम शर्मा का आदर्श दम्पति विगडे का सुधार और 'नव समाज' अयोध्या सिंह उपाध्याय का 'अधखिला फूल' और राधिकामण प्रसाद सिंह का वनजीवनः विशेष रूप से चर्चित है इन उपन्यासो मे सुधारवादी जीवन दर्शन का आरोपण है सस्कृति के अनुरूप जीवन मूल्य इस काल के उपन्यासो मेँ मिलते উই । सुल्ताना रणिया बेगम जयरामदास गुप्त कृत कश्मीर मे किशोरीलाल गोस्वामी का 'तारावक्षत्रकुल कमलि তিন সিরা




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