भारतवर्ष का नागरिक जीवन और प्रशासन | Bharatvarsh Ka Nagrik Jivan Aur Prashasan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Bharatvarsh Ka Nagrik Jivan Aur Prashasan by ज्योति प्रसाद सूद - Jyoti Prasad Sood

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about ज्योति प्रसाद सूद - Jyoti Prasad Sood

Add Infomation AboutJyoti Prasad Sood

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
नागरिक जीवन को सामान्य मूमिका भू पजाब दो भागों म, विभाजित हो गया है | यवलपिंडी और मल्ताव का पूय प्रदेश तथा लाहोर प्रदेश के गुजयनवाला, शेखू पुरा और स्यालकोट जिले, पश्चिमी पजाब सूबे में रक्खे गये हैं और अय यदी मू माग परिविमोत्तर सीमाग्रन्त सिन्ध, इिलोचिस्तान तथा कुछ मास्तीय राज्या जे साथ पश्चिमी पाकिस्तान बन गया हैं। अविमाजित पजाव ते डेय भाग अर्थात्‌ अम्याला और जालन्धर का पूर परदेश तथा लाहौर प्रदेश का अमृतसर जिला पूवी पजान मे स्क्खे गये हैं और अत्र यह मिल कर भारत का एक भाग हैं | लाहैर प्रदेश के गुरदासपुर और लाहौर जिले, पूर्वा तथा पश्चिमी पजायजे सत्रां में त्रिमाज्ित कर दिये गये है दसो प्रक्र जगाल भी, पूरी तथा पश्चिमी बंगाल क दा मार्गों मरने गया है। पूर्वी गगाल म चिट्गाँव और दावा का पूरा प्रदेश तथा रगपुर, वोग्रय, याजशाही, पत्रना और खुचना जिले सम्मिलत हैं। आसाम के मिलइट जिसे का एक डा माग पूर्वी जगाल के नव-निर्मित सूबे मे मिला दिया गया है । पश्चिमी उगाल जे दबे म, जो भारतीय सघ का एक भाग है, चदेवान का प्रय प्रदेश क्लस्ता, २४ प्रर्गना, मुरचिदा्ाद ओर दार्जिलिग सम्मिलित हैं। नदिया, जेमोर, दिनाजपुर, जलपाईगुडी और माला बिले दोनों प्रान्ता म विभाजित कर दिये गये हैं । पाकिम्तान ক্কা प्रा क्वफ्ल लगभग ३६१,२ १८ बगे मील और मारत का १,०५५.६१ वग मालक है | विभानन का परिणाम यह हुआ है कि सिंध- गगा का मैदान जा पूर्व म बगाल की खाडी से पश्चिम में अफगानिस्तान की सीमा तक २,००० माल से भी अधिक ভঙ্না খা জল তীয়া জীন মাহী में विभाजित हो यया है जिसके पूर्वी तथा पश्चिमो छार परास्म्विन म हैं तथा नीच का भाग भारत मे रद्द गया है। गेहूँ के कुछ सर्वोत्तम क्षेत्र पाउिस्तान मं पड गये हैं तिमक् कारण भारत का ग्वाद्यात्ा की कमी पड गइ है। जूट़ के क्षेत्र भा पाकिस्तान दी म हैं। इसस कलक्ते के चूट-डद्याग कोयडा धक्का लगा है | रई ক लिए भी भारत को पाजिस्तान का मुह देखना पडता है । दूथरी आर पाकिस्तान रू पास योडा या रिलकुच है कोबला नहों है और उतर पास शकर और कपडे की भी यहुत कमा है | इस प्रकार विभाजन से दोना देशों का आर्थिक स्थिति बुरा तरह प्रभावित हुई है । भारत के नियासी-- देश का ढद्तू विस्तार दसकी विशाल जन सख्या का पालन करता है। चान को छोड क्र ससार के कसी भी देश की जन-सख्या दससे बढ़ी नहा है। स्युक्त-्यज्य अमेरिका तथा आरस्ट्रोलया জব ইহা भारत से ज्षेतपल में बड़े हैँ किन्तु जनम-वख्या की शाप्टि से कटा छोटे हैं। आन्तिम जन गणना की पद के अनुसार समूचे भारत की जन-सख्या ३८६ करोड़ अनुमान की जाती थी जिसमें से लगभग ३० ८ करोड भारत में' और लगभग ८ १ करोड़ पाज़िस्तान में हैँ। मनुष्यों निय क १ के इतने बडे समुदाय में, जो सारी मानव जाति का ६ माग है, जातीय तथा अन्य बिविधताएँ अवश्यम्मावी हैं। क्दाचित्‌ रूस को छोड़कर विश्व में की मी इतनी # देखिये, दश्डिया एल्ड पाक्स्तान इयर बुक १६४८, पष्ठ ६ ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now